मैकडॉनल्ड्स में मेजों की सफाई से लेकर टेलीविजन के सबसे बड़े सितारों में से एक बनने वाली और नरेंद्र मोदी सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनने तक, उनकी जिंदगी  सौ तूफानों से गुजरी है। यही कारण है कि, शायद, एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की तीन बड़ी हार के बावजूद उनकी उम्मीदें 2019 के आम चुनावों के लिए धूमिल नहीं किया है बल्कि उनकी प्रसिद्ध युद्धक क्षमता को जगा दिया है।
 
इसी महीने तीन राज्यों का विधानसभा चुनाव हारने के बाद दिए गए पहले साक्षात्कार में, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने माय नेशन के एडिटर-इन-चीफ अभिजीत मजुमदार को बताया कि इस प्रदर्शन का 2019 के आम चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह मोदी सरकार के कामकाज पर देश की जनता का आदेश होगा। 

स्मृति ईरानी के कहा कि ‘हम स्वीकार करते हैं कि तीन राज्यों से हमारी सरकार चली गई हैं लेकिन उन राज्यों की संख्या अभी भी कम नहीं है जहां हमारे पास काम करने का मौका है। ब्रांड मोदी परीक्षा एक नगरपालिका चुनाव तक में होने लगती है।

 केन्द्र में हमारी सरकार ने जो भी किया उसकी असली परीक्षा 2019 में होगी। जबकि मुझे लगता है कि 2014 के बाद से हर चुनाव को हमारा टेस्ट करार दिया गया और अब गोलपोस्ट को स्थानांतरित कर दिया गया है, 2019 में हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि हमने पांच साल क्या किया है और हम उनसे पांच साल और मांगेंगे। 

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ईरानी ने अमेठी में अपनी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में बात की, दशकों पुराने गांधी परिवार के इस किले में स्मृति ईरानी ने 2014 में सेंध लगाकर राहुल गांधी के सामने तगड़ी चुनौती पेश की थी। महज 20 दिनों तक चुनाव प्रचार करके राहुल गांधी की जीत का अंतर इतना कम कर दिया था कि वह घबरा ही गए थे। 

इस बार अमेठी में राहुल और स्मृति के बीच फिर से भीषण जंग होने की संभावना बन रही है। स्मृति बता रही हैं कि इस बार भाजपा की तैयारी जबरदस्त है। 

स्मृति के शब्दों में ‘ 2014 में मैं सिर्फ 20 दिनों के लिए गई थी और मार्जिन में भारी गिरावट आई गए। हमने इस पर आगे भी काम किया है। 2014 के बाद से हर विधानसभा चुनाव और स्थानीय चुनाव में राहुल गांधी की हार हुई है। इतिहास में पहली बार हमने उस लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से चार पर जीत हासिल की। 

वह बताती हैं “अमेठी की सचाई 2014 में सतह पर आई। इससे पहले अमेठी और रायबरेली के बारे में एक सुनहरी तस्वीर दिखाते हुए हुए इसे धरती के स्वर्ग के तौर पर पेश किया जाता था। यहां विकास के लिए हर संभव कोशिश की गई। धीरे-धीरे सच्चाई सामने आ ही गई और देश सब कुछ जान गया। 

क्या लगातार विवादों में बने रहना स्मृति को और जुझारु और मुखर वक्ता बना रहा है?
 "एक व्यवहारिक राजनीतिज्ञ सीधी भिडंत से बचता है। मेरे जैसा सरल व्यक्ति इससे दूर ही रहता है, मुझे इसपर गर्व है।  क्योंकि हमें यथास्थिति बनाए रखने के लिए वोट नहीं दिया गया था। हमें वोट दिया गया था ताकि हम इसे चुनौती दे सकें और चीजों को सही कर सकें। '

अपने तुगलक क्रिसेंट निवास में खुले मन से दिए हुए इंटरव्यू के दौरान स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार की योजनाओं,  विकास बनाम हिंदुत्व की बहस और मानव संसाधन तथा सिचना प्रसारण मंत्रालयों से विदाई के अनुभवों के बारे में बात की।

उन्होंने जोर देकर कहा ‘मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में सबसे निर्लिप्त व्यक्ति थे। लुटियन दिल्ली उनके प्रवेश के खिलाफ था। लेकिन वह आए। वह जीते औऱ उन्होंने देश की सेवा की, भले की उन्हें लगातार नकारात्मक प्रचार का सामना करना पड़ा। वह 2019 में फिर से जीतेंगे’