मुंबई। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-एनसीपी में सीटों का बंटवारा हो गया है। राज्य में कांग्रेस और एनससीपी 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि 38 सीटों सहयोगी दलों को दी गई हैं। इसमें चार सीटें सपा के खाते में आई हैं। हालांकि सपा राज्य में 7 सीटों पर दावा कर रही थी।

महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि कांग्रेस और एनसीपी के बीच 50-50 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ने की पहले से ही सहमति बनी थी। लेकिन राज्य की 288 सीटों में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने 38 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं।

जिसके तहत सपा के खाते में 4 सीटें आई हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ हुए गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया था। लेकिन कांग्रेस ने सपा को सम्मान देते हुए चार सीटें दी हैं। सपा राज्य में सात सीटें मांग रही थी। हालांकि माना जा रहा है कि एक सीट पर फ्रेंडली फाइट भी होगी।

राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सत्ता में है और राज्य में कांग्रेस और एनसीपी के कई दिग्गज नेताओं ने भाजपा और शिवसेना की सदस्यता ले ली है। जिसके बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी कमजोर हुए हैं। यही नहीं कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को भाजपा और शिवसेना गठबंधन से चुनौती मिल रही है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था जिसमें कांग्रेस एकमात् ही सीट जीत पाई थी जबकि एनसीपी ने 4 सीटें जीती थी। वहीं भाजपा ने 23 और शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लिहाजा पहले एनसीपी प्रमुख राज्य में लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए सीटों के बंटवारे की मांग कर रहे थे।

लेकिन बाद में सीटों का बंटवारा बराबर हुआ है। उधर महाराष्ट्र में सपा के नेता अबू आजमी का कहना है कि उन्होंने गठबंधन में सात सीटें मांगी थी लेकिन अभी तक चार सीटों पर सहमति बनी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उन्हें अभी कुछ सीटें और मिलेंगी।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें

महाराष्ट्र में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। जबकि चुनाव में शिवसेना को 63, कांग्रेस ने 42 और एनसीपी ने 41 सीटें मिली थी।