नेशनल डेस्क। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चुनाव में हाल में संपन्न हुए थे। जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने जीत हासिल की थी। संजय सिंह की जीत से पहलवानों में नाराजगी थी। जिसके चलते साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्सास लेने का ऐलान किया था। वहीं बजरंग पूनिया ने पद्मश्री अवार्ड वापस करने के लिए उसे फुटपाथ पर रख दिया था। घटनाक्रम के बाद सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलबिंत कर दिया है। 

बता दें, WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने 2023 समाप्त होने से पहले यूपी के गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 की नेशनल प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा की थी। सरकार के फैसले के बाद इस आयोजन भी रद्द हो गया है। वहीं खेल मंत्रालया के फैसले ने साफ कर दिया की कु्श्ती संघ में किसी का दबदबा नहीं चलेगा। 

WFI ने किया नियमों का उल्लघंन 

स्पोर्ट्स मिनिस्टरी ने रविवार को WFI की नई संस्था को भंग करने की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा कि डब्लूएफआई ने नियमों का पालन नहीं किया है। प्रतियोगिताओं की घोषणा में जल्दबाजी की गई। इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। घोषणा की गई जूनियर लेवल की प्रतियोगिताएं इस साल से खत्म होने से पहले शुरू हो जाएंगी लेकिन ये नियमों के खिलाफ है। पहलवानों को 15 दिन पहले नोटिस देने की जरूरत है ताकि वह तैयारी कर सकें।  

बृजभूषण के करीबी हैं संजय सिंह

संजय सिंह WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी बताए जाते हैं। वहीं संजय सिंह की जीत के बाद पहलवानों ने दुख जताया था। यहां तक साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। गौरतलब है, बृजभूषण सिंह पर महिला खिलाड़ियों से यौन उत्पीड़न का आरोप है। फिलहाल मामला कोर्ट में है। वहीं खेल मंत्रालय के फैसले का पहलवानों ने स्वागत किया है। 

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