ये नजारा है इलाहाबाद के स्वरुप रानी अस्पताल का, जो कि मोतीलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है। यहां हाल ही में ट्रॉमा सेन्टर का उद्घाटन किया गया। वैसे तो यह इस इलाके का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां अलग से जीवाणुरोधन कमरा और केन्द्रीय ऑटोक्लेव सिस्टम नहीं है। यही कारण है कि यहां मेडिकल उपकरणों को जीवाणुरहित बनाने के लिए बाबा आदम जमाने की तकनीक इस्तेमाल की जा रही है।

यहां एक बाल्टी में पानी गरम करने की रॉड डाली जाती है, फिर उसी में सारे मेडिकल उपकरण डुबा दिए जाते हैं। यह तकनीक गांव के प्राथिमिक चिकित्सा केन्द्र भी छोड़ चुके हैं। एक आदर्श ऑटोक्लेव सिस्टम में बहुत उच्च तापमान और दबाव पर मेडिकल उपकरणों को जीवाणुरहित बनाया जाता है। लेकिन इस सिस्टम की अनुपस्थिति में जो तरीका अपनाया जा रहा है, वह कभी भी मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।