सवाई माधोपुर: राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी कस्बे में विश्व हिन्दू परिषद की एक रैली पर फव्वारा चौक इलाके के पास जमकर पथराव किया गया। रैली पर पत्थर फेंकने वाले गुंडे इलाके की मस्जिद और आस पास के घरों की छतों पर चढ़े हुए थे। 

जिस तरह भारी मात्रा में पत्थरबाजी की गई, उससे लगता है कि रैली पर पत्थर बरसाने की योजना पहले से बनाकर रखी गई थी। रैली में शामिल सात गाड़ियां तोड़ दी गईं और लोगों के साथ मारपीट की गई।  

दरअसल रैली की तैयारियां काफी पहले से चल रही थीं। क्योंकि विश्व हिंदू परिषद् का स्थापना दिवस आने वाला था। इस मौके पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता गंगापुर सिटी में भगवा रैली निकालने की योजना बना रहे थे। इसके लिए प्रशासन को सूचना दी जा चुकी थी, जिसने पहले ही सीएलजी सदस्यों और दोनों समुदायों की मीटिंग भी करा दी थी। 

लेकिन इन्हीं सब कार्रवाईयों के दौरान मजहबी दंगाई चुपचाप पत्थर इकट्ठा करने में लगे हुए थे। रैली में शामिल लोगों ने बताया कि पूरी रैली पार हो गई। लेकिन जब रैली का अंतिम हिस्सा चल रहा था। तभी बाजार में एक मस्जिद की छत से पत्थरबाजी शुरु हो गई। उसके बाद आस पास के घरों से भी पत्थर बरसाए जाने लगे। 

इस अचानक की पत्थरबाजी से रैली में मौजूद लोगों में अफरा तफरी मच गई। प्रशासन को मामला संभालने में दांतों तले पसीना आ गया। दोनों पक्षों के लोगों के बीच टकराव शुरु हो गया। 

जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सामने आकर बड़ी मुश्किल से मामला संभाला। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कस्बे में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और कस्बे में शांति है।

 कस्बे में कानून- व्यवस्था बनाये रखने के लिये अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। फिलहाल कस्बे में शांति है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

लेकिन इस घटना के बाद विहिप के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। वे वहीं बाजार में फव्वारा चौक पर धरना देकर बैठ गए। उनके समर्थन में पूर्व भाजपा विधायक मानसिंह गुर्जर और आर्य समाज के स्थानीय प्रमुख मदन मोहन आर्य भी धरना स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने पथराव में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। 

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के दौरान मजहबी दंगाईयों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं और वह दूसरे समुदायों पर हमले में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं। 

इसके पहले जयपुर में दंगाईयों ने कावड़ियों की बस पर हमला किया था और मामला संभालने के लिए आए पुलिस बल को दौड़ाकर पीटा था। इस मामले में भी सैकड़ों की संख्या में मजहबी गुंडे सड़कों पर उतर आए थे। इस तरह की घटनाएं कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन काल में राजस्थान में आम हो गई हैं। 
जयपुर में मजहबी दंगाईयों के दुस्साहस की पूरी खबर यहां पढ़िए

जयपुर की घटना से दो दिन पहले पहले राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शाहपुर थााना क्षेत्र में असामाजिक लोगों ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा ध्वस्त कर दी थी। 

कुछ ही दिनों पहले राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता की बुरी तरह पिटाई कर दी गई थी। उसके पिता ने आरोप लगाया था कि पीड़ित धारा 370 के हटाए जाने का जश्न मना रहा था, जिसके विरोध में कट्टर धर्मांध मजहबी लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।