उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मासूम बच्ची की बेरहम हत्या के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया है। नाराज लोगों ने कल महापंचायत बुलाने का ऐलान किया था। लेकिन पुलिस के दबाव में इसे रद्द कर दिया। जिसके बाद से नाराज भीड़ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है। 

अलीगढ़/उत्तर प्रदेश: मासूम बच्ची की नृसंस हत्या के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। जिसकी वजह से प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। प्रशासन ने रविवार को शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। 

कस्बे जगह जगह में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), पीएसी सहित कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। माहौल खराब होने के कारण इलाके के बाजार भी बंद हैं। 

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 टप्पल में निर्मम हत्याकांड में मृतक बच्ची और उसके परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए आज विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। हालांकि इसके नेतृत्वकर्ता के तौर पर किसी का नाम सामने नहीं आया था। लेकिन बच्ची के परिजन भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन बाद में पुलिस के दबाव में यह प्रदर्शन रद्द कर दिया गया। 

 लेकिन कुछ भगवा संगठनों के कार्यकर्ता घटना के विरोध में सड़कों पर उतर आए। हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची भी टप्पल की ओर जा रही थीं। लेकिन उन्हें पुलिस ने जेवर टोल प्लाजा पर ही रोक दिया। टप्पल में कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबर आई हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठी चार्ज कर रही है। रविवार को दिन में कई जगहों पर  पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोंकझोक की खबरें आईं। इसके चलते पूरे इलाके में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 

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अलीगढ़ के अलावा यूपी के अलग-अलग जगहों पर भी घटना का विरोध-प्रदर्शन किया गया। लखनऊ में कैंडल मार्च निकालकर मृत बच्ची के लिए न्याय की मांग की गई। इसी तरह मेरठ, मुजफ्फरनगर, बरेली, आगरा, लखीमपुर खीरी और दूसरे जिलों में भी प्रदर्शन किया गया। शनिवार को ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अलीगढ़ के एसएसपी से मामले में जांच रिपोर्ट मांगी।

पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें पुलिस ने मुख्य आरोपी जाहिद और असलम के अलावा जाहिद का भाई मेहदी हसन, उसकी पत्नी शाहिस्ता हैं। पुलिस ने शाइस्ता को इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि बच्ची का शव उसके ही दुपट्टे में लिपटा हुआ मिला था। 


पीड़ित परिवार ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।  इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर केपी सिंह चहल सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। 

इस बच्ची की हत्या पैसे के लेन-देन की वजह से की गई थी। जिसके बाद उसका शव कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया था।