लोकसभा चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद एग्जिट पोल से बैकफुट पर आए विपक्ष का सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट में घेरने की उनकी कोशिश नाकाम हो गई है। वीवीपैट के ईवीएम से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसे आवेदन बार-बार नहीं सुने जा सकते। 

टेक4ऑल नाम के तकनीशियनों के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी। उनकी मांग थी कि वोटों की सत्यता के लिए सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कि यह मेरिट के अनुसार नहीं है। 

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सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा, 'इस तरह की याचिकाओं को हम बार-बार नहीं सुनेंगे। हम लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन के तरीके के बीच में नहीं आ सकते। यही नहीं शीर्ष अदालत ने इस याचिका सिर्फ उपद्रव और चर्चा का हथियार करार दिया।'

उधर, चुनाव आयोग ने भी यूपी को लेकर विपक्षी  दलों की आशंकाओं को खारिज कर दिया। आयोग ने कहा है कि ईवीएम  सुरक्षित हैं और लोगों को आयोग पर भरोसा होना चाहिए।  यूपी में चार जगह ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इस पर आयोग ने कहा है कि सभी मामलों में ईवीएम और वीवीपैट को पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने अच्छे से सील किया गया है। इसकी वीडियोग्राफी भी हुई है। ऐसे में ईवीएम को लेकर लगाए जा रहे आरोप आधारहीन हैं। विपक्ष की ओर से गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी सीटों पर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर शिकायत की गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे भरोसा रखें, ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं।