शीर्ष अदालत संविधान के अनुच्छेद 239एए और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून 1991 को असंवैधानिक घोषित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि भारत का कोई भी क्षेत्र पूर्ण राज्य या फिर केंद्र शासित क्षेत्र ही हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि संविधान पीठ के फैसले के बाद यह निरर्थक हो गई है। संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली को एक राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष यह मामला आने पर याचिककर्ता के वकील ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ के चार जुलाई के फैसले का हवाला दिया। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह निरर्थक हो गई है।
शीर्ष अदालत संविधान के अनुच्छेद 239एए और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून 1991 को असंवैधानिक घोषित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि भारत का कोई भी क्षेत्र पूर्ण राज्य या फिर केंद्र शासित क्षेत्र ही हो सकता है।
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के लिए मौजूदा सांविधानिक व्यवस्था ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन के कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार है और वायु प्रदूषण्, यातायात अवरूद्ध होने की परेशानी, पानी का जमाव और अनधिकृत निर्माण आदि इसी का नतीजा हैं। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर इन समस्याओं को हल किया जा सकता है।
Last Updated Oct 5, 2018, 5:48 PM IST