नई दिल्ली। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की सुरक्षा में अब उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान नहीं बल्कि सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे। यही नहीं अब दुष्कहर्म और एक्सी डेंट से जुड़े सभी मामले लखनऊ नहीं बल्कि दिल्ली की अदालत में चलेंगे। इसके लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश ट्रांसफर के आदेश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सात दिनों के भीतर इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है।

आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप पीड़िता  के दुष्कार्म और एक्सीडेंट से जुड़े मामले में अहम आदेश दिए। कल ही सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले को सुनने का फैसला किया था। इसके बाद कोर्ट ने कई आदेश दिए। इस मामले में अब पीड़िता की सुरक्षा यूपी पुलिस नहीं बल्कि सीआरपीएफ के जवान करेंगे।

इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया है। इसके साथ ही इस मामले जुड़े सभी पांच केस लखनऊ से दिल्लीै ट्रांसफर करने के भी आदेश सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिए हैं और ये भी कहा कि 45 दिन के भीतर सुनवाई पूरी करे। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को ये आदेश दिया है कि वह इस मामले की रोजाना सुनवाई करे, ताकि जल्दे से जल्दस पीड़िता को न्यारय मिले। 

इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तकर प्रदेश सरकार को पीड़िता को अंतरिम मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीआरपीएफ को पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा तुरंत अपने हाथ में लेने का आदेश दिया है। 

कोर्ट के आदेश के मुताबिक सुरक्षा पीड़िता के साथ ही उन्नांव में रह रहे उनके सभी संबंधियों को मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही पीड़िता के चाचा पर खतरा देखते हुए उन्हें रायबरेली दिल्लीत की जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। फिलहाल कोर्ट ने सीबीआइ को 7 दिनों में हादसे की जांच पूरी करने के लिए कहा। कोर्ट ने सीबीआई से ये भी कहा कि मामले की जांच के लिए 15 दिन से ज्या दा नहीं लगना चाहिए।