दो बच्चों की अनिवार्यता संबंधी एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को सरकार के सामने अपनी मांग उठाने की निर्देश दिया है।
वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने देश में दो बच्चों का नियम लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका दायर की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि जनसंख्या विस्फोट और इसके कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण तथा प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव को नियंत्रित करने के लिए इस नियम को लागू किया जाना चाहिए।
लेकिन जस्टिस कुरियन जोसेफ की अगुआई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) को इस मामले में अपनी शिकायत सरकार के समक्ष उठाने को कहा।
वकील शिवकुमार त्रिपाठी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में लोगों को दो बच्चों का नियम पालन करने के लिए प्रेरित करने और ऐसे माता-पिता को सुविधाएं देने का आग्रह किया गया था। दो बच्चों के नियम का पालन न करने वालों से सुविधाएं व रियायतें भी वापस लेने की भी मांग की गई थी।
आबादी के मामले में भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश है। यहां बढ़ती आबादी के कारण की तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। ज्यादा आबादी की वजह से प्रदूषण और संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
Last Updated Nov 6, 2018, 3:30 PM IST