मुंबई: इस साल की शुरुआत में पकड़े गए 10 संदिग्धों से लगातार सघन पूछताछ के बाद मुंबई एटीएस ने बेहद सनसनीखेज खुलासा किया है। यह सभी संदिग्ध आतंकी जेहाद के नाम पर मासूम लोगों की जान लेने की योजना बना रहे थे। 

मुंब्रेश्वर मंदिर था निशाना
इन आरोपियों ने मुंबई में स्थित 400 साल पुराने मुंब्रेश्वर मंदिर के महाप्रसाद में जहर मिलाने की कोशिश की थी। इन आतंकियों में शामिल तल्हा पोट्रिक ने पिछले साल दिसंबर में इस अमानवीय साजिश को अंजाम देने की कोशिश की थी। लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। इन लोगों ने जहर मिलाने की इस घातक साजिश के लिए दिसंबर 2018 का महीना चुना था। जिस दौरान श्रीमद् भागवत कथा के लिए लगभग 40 हजार श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। आरोपियों ने इन्हीं श्रद्धालुओं के बीच बंटने वाले महाप्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची थी। 


लेकिन ईश्वर की कृपा से इन महजबी कट्टरपंथी जेहादियों के अपवित्र मंसूबे असफल हो गए। 

देश से फरार मजहबी प्रचारक जाकिर नाइक से प्रभावित थे आरोपी
एटीएस ने अपनी पूछताछ के बाद बताया है कि यह सभी संदिग्ध इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की विचारधारा से जबरदस्त प्रभावित थे। इन सभी के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर जाकिर नाइक के भाषण थे। यह सभी उसके भाषणों को बेहद ध्यान से सुनते थे। यह लोग जाकिर से इतने प्रभावित हैं कि इनके पास उसकी फोटो भी मिली है। जाकिर नाइक वही शख्स है, जिसपर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर तमाम मुकदमे दर्ज किए हैं।

जाकिर नाइक इन दिनों देश से फरार होकर मलेशिया में छिपा बैठा है। 

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े थे सभी संदिग्ध
एटीएस ने अपनी चार्जशीट में यह भी कहा कि गिरफ्तार सभी संदिग्ध विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे और आरोपियों ने मंदिर परिसर की रेकी भी की थी। गिरफ्तारी से पहले इस दल में शामिल जम्मान, सलमान, वारिस और फहाद ने हाइड्रोजन पाराक्साइड की मदद से विस्फोटक बनाए थे। इन के मुखिया अबू हमजा ने इन विस्फोटकों का ट्रायल भी किया था।

यह सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े हुए थे। 

तकनीकी रुप से बेहद कुशल थे सभी संदिग्ध आतंकी
एटीएस की चार्जशीट से यह खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्ध आतंकी तकनीकी रुप से बेहद कुशल थे। एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि  इन लोगों ने अपने टेलीग्राम अकाउंट पर इस्लामिक स्टेट के मिलिट्री साइंस चैनल के जरिए विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद सभी ने टेलीग्राम अकाउंट को डिलीट कर दिया था, जिससे किसी को भी इनकी साजिश का पता ना चल सके। 

यही नहीं इन संदिग्धों में से मोहसिन खान ने सोशल मीडिया पर उम्मत-ए-मोहम्मदिया नाम का ग्रुप भी तैयार किया था, जिसपर आईएस से जुड़ी जानकारियां दी जाती थी। इस ग्रुप में सिर्फ उन्हीं विश्वासनीय लोगों को जोड़ा जाता था, जो कि आईएस की विचारधारा से प्रभावित हों। इस ग्रुप के सभी सदस्य विदेशी आतंकवादियों के संपर्क में भी रहते थे। 

गिरफ्तार किए गए इन सभी 10 संदिग्धों में से एक नाबालिग भी है।