प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में जब लोक सभा चुनाव जीत कर सत्ता में आए तो उन्होंने एक के बाद एक ऐसी योजनाओं का शुभारम्भ किया, जो जनता से सीधे तौर पर सरोकार रखतीं हैं, उन्ही योजनाओं में से एक प्रमुख योजना स्वच्छ भारत अभियान भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को गाँधी जयंती के अवसर पर इस योजना को आरंभ किया था। इस योजना को 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

प्रधानमंत्री की तरफ से ग्रामीण भारत को स्वच्छ करने के लिए शुरु किया गया स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में जो लक्ष्य रखा गया है उसमें बड़ी सफलता मिली है। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट जारी कि है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता और साफ सफाई 89.07% तक बढ़ी है। 1 9 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। इतना ही नहीं 7.9 करोड़ नए शौचालय बनवाए गए हैं। अभी तक 421 जिलों और 4.9 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस अभियान को सफल बनाने और लोगों में जागरुकता लाने के लिए खुद ही झाडू लगाकर लोगों को संदेश देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने इसे सफल बनाने के लिए सभी क्षेत्रों के नामचीन लोगों को इसका ब्रान्ड एम्बेसडरर बनाया था। जब उन्होंने इसे शुरु किया तो विपक्ष ने इसका मजाक उड़ाया था और इसे महज फोटो सेशन बताया था।

यहा तक कि जब प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से स्वच्छता और शौचालय की बात कहीं थी, तो आलोचकों ने उनपर जमकर निशाना साधा कि लाल किले की प्राचीर से किसी प्रधानमंत्री को शौचालय का जिक्र करना शोभा नही देता, लेकिन आलोचना से परे मोदी ने इस अभियान को एक मिशन बनाने का संकल्प लिया। 

इस अभियान की शुरुआत के साथ ही टारगेट फिक्स कर दिया गया। लक्ष्य तय है साल 2019 है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है तक देश को खुले में शौच मुक्त, स्वच्छ और साफ बनाना है। आपको बता दें कि यह विश्‍व का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है।