चोट के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ को डोपिंग टेस्ट में दोषी पाया गया है। उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अगले 8 महीने के लिए टीम से सस्पेंड कर दिया है।

इस दौरान वह किसी भी तरह के फार्मेट में क्रिकेट नहीं खेल सकेंगे। पृथ्वी शॉ के यूरिन टेस्ट में प्रतिबंधित रसायन पाया गया था, जिसके बाद उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया है। साव का एंटी डोपिंग प्रोग्राम के तहत टेस्ट किया गया था। जिसमें उनके यूरिन में टर्बूटलाइन पाया गया है जो एक प्रतिबंधित दवा है। 

हालांकि बीसीसीआई ने ये माना है कि पृथ्वी शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित दवा का प्रयोग किया है। जो आमतौर पर ये दवा खासी और कफ के लिए ली जाती है। लिहाजा उसने साव का पक्ष जानकार उनका स्पष्टीकरण को स्वीकार कर लिया है।

फिलहाल नियमों के मुताबिक बीसीसीआई ने आठ महीने के लिए उनके क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगाया है। पृथ्वी ने अब तक देश के लिए दो टेस्ट खेले हैं। उनके नाम एक शतक और एक अर्धशतक दर्ज है। 

गौरतलब है कि पृथ्वी शॉ ने अपने पहले मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में शतक जमा कर सनसनी पैदा कर दी थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से पहले ही साव को चोट लग गयी, जिसके बाद उन्हें सीरीज से बाहर होना पड़ा था।

फिलहाल डोप टेस्ट के बाद अगले आठ महीने क्रिकेट से दूर रहना पड़ेगा। हालांकि बीबीसीआई ने ये मान लिया है कि उन्होंने गलती से दवा ली थी और उनका इरादा गलत नहीं था। जो उनके लिए राहत का बात है।

असल में पृथ्वी चोट की कारण लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं और डोपिंग टेस्ट के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। फिलहाल आठ महीने प्रतिबंध लगने के बाद साव किसी भी फार्मेट में क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।

चोट के कारण ही वेस्ट इंडीज दौरे के लिए उनका चयन नहीं हो सका था। बीसीसीआई ने साव के अलावा विदर्भ अक्षय दुल्लारवार और राजस्थान के दिव्य गजराज को भी डोपिंग के कारण सस्पेंड किया है।