पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में ही सहयोगी दलों के बीच में सीएम के चेहरे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। राजद ने तेजस्वी यादव को चुनाव के लिए सीएम का चेहरा घोषित कर दिया है। जबकि उसके सहयोगी दल उन्हें इन पद के लिए उपयुक्त नहीं मानते हैं और इसके लिए विरोध जता रहे हैं। अभी तक महागठबंधन में शामिल दलों में एक चेहरे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि इसके लिए राजद और सहयोगी दलो की बैठक होनी थी। जिससे राजद नदारद रही। हालांकि माना जा रहा है कि कांग्रेस को तेजस्वी के नाम से कोई दिक्कत नहीं है। 

असल में महागठबंधन के सहयोगी दलों एक बैठक बुलाई थी। जिसके लिए राजद और कांग्रेस के साथ ही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से उपेंद्र कुशवाहा, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से मुकेश सहनी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) से जीतनराम मांझी व लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के संयोजक शरद यादव को आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में छोटे दल तो शामिल हुए,लेकिन बड़े दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के नेता ही नदारद रहे।

लिहाजा माना जा रहा है कि चुनाव के लिए अभी तक महागठबधंन का खाका तैयार नहीं हो पाया  है। असल में ज्यादातर दलों को सीएम के चेहरे को लेकर तेजस्वी से नाराजगी है। पिछली बैठक में हम के जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के नेता के तौर पर तेजस्वी यादव को मानने से इंकार कर दिया था। जबकि राजद की साफ कर दिया गया है कि अगर बिहार में चुनाव लड़ना है तो तेजस्वी का नेतृत्व ही स्वीकार करना पड़ेगा। जिसको लेकर ज्यादातर दल तैयार नहीं हैं। 

फिलहाल इस बैठक में आप को लेकर भी चर्चा हुई। क्योंकि आप ने दिल्ली में फिर से सरकार बनाई है और वह विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरेगा। हालांकि छोटे दलों का कहना है कि शरद यादव को महागठबंधन का नेता बनाया जाना चाहिए क्योंकि वह वरिष्ठ नेता हैं। लेकिन राजद का साफ कहना है कि बिहार में राजद ही सबसे बड़ा दल है और राजद ने सीएम  के उम्मीदवार के लिए तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा कर दी है। लिहाजा इस मामले में  अब पीछे होने की गुंजाइश नहीं है। फिलहाल बिहार में इस बैठक में राजद और कांग्रेस के शामिल नहीं होने से चर्चा है।