भारत में अगले साल तक 5जी इंटरनेट सेवा शुरु हो जाएगी। इसके लिए दूरसंचार मंत्रालय इसके स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारी में है। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने रविवार को कहा कि 5जी सेवाओं के लिये स्पेक्ट्रम नीलामी 2019 की दूसरी तिमाही में हो सकती है। 

सुंदरराजन ने यहां कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति के मुताबिक यह (5जी स्पेक्ट्रम आवंटन) अगले साल की दूसरी तिमाही में होने की उम्मीद है।’’ 

उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं से दूरसंचार कंपनियों को तेजी से बदलती बाजार परिस्थिति और अगली पीढ़ी की मोबाइल सेवाओं में मौजूद बेहतर कारोबारी संभावनाओं का लाभ लेने में मदद मिलेगी और वह इस क्षेत्र में अपनी बेहतर उपस्थिति दर्ज करा सकेंगी।

सेवा को लेकर मौद्रीकरण परिवेश और संभावनाओं की उचित ढंग से पहचान करने में जो समय लगता है उसके बाद सेवा के क्रियान्वयन में ज्यादा समय नहीं लेगा, क्योंकि इसके लिये दूरसंचार हार्डवेयर को उन्नत करने की जरूरत नहीं होगी जैसा कि 3जी से 4जी के लिये करना पड़ा था।

सुदरराजन ने कहा, ‘‘5जी सेवायें पूरी तरह से सॉफ्टवेयर के सहारे चलेंगी। इसके लिये आपको साफ्टवेयर बदलने की जरूरत नहीं है। इसलिये यह तेजी से आगे बढ़ सकता है।’’ दूरसंचार सचिव ने कहा कि

नीलामी से पहले दूरसंचार विभाग प्रायोगिक तौर पर स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराकर एक साल तक इसका परीक्षण कराने के पक्ष में है। इसलिये सरकार दूरसंचार कंपनियों को परीक्षण लाइसेंस देना चाहती है ताकि कंपनियां इसके लिये सभी तैयारियां पूरी कर सकें।

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उन्होंने कहा कि परीक्षण सुविधायें सरकार के वित्तपोषण से आईआईटी मद्रास सहित अन्य आईआईटी में तैयार हो रही हैं। एरिक्सन की परीक्षण सुविधा पहले से काम कर रही है।

सुदरराजन ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के लिये 4जी सेवाओं के वास्ते स्पेक्ट्रम आवंटन पर फैसला अगले कुछ महीनों में हो जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को आगे बढ़ाने के लिये 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन बहुत जरूरी है।  बीएसएनएल देश के 20 और एमटीएनएल दो दूरसंचार सर्कलों में परिचालन करती हैं। दोनों ने ही सरकार से अपने सेवा खेत्र में 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज ब्लाक रेडियोवेब देने का आग्रह किया था।