गया: पश्चिम बंगाल पुलिस ने बिहार के गया जिले के मानपुर प्रखंड के बुनियादगंज बाजार से जमात उल मुजाहिदीन के दुर्दान्त आतंकवादी तौफीक रजा उर्फ एजाज अहमद को गिरफ्तार किया। जिसके बाद बंगाल पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पश्चिम बंगाल चली गई। 

बंगाल पुलिस को उसके खुफिया सूत्रों ने सूचना दी थी कि यह आतंकवादी यहां के पठानटोली मुहल्ले में अपनी पहचान छिपाकर पिछले छह महीने से रह रहा था। इस दौरान वह अपनी वास्तविक पहचान पर पर्दा डालने के लिए कपड़ा बेचने का काम करता था। 

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पश्चिम बंगाल के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ आये बंगाल आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उसके घर की रेकी की।

आतंकी तौफीक की सही पहचान करने के बाद उसके बुनियादगंज बाजार स्थित निवास की घेराबंदी की गई। इसके बाद तौफीक को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार तौफीक के पास से कई आपत्तिजनक सामान और एक लैपटॉप भी बरामद किये गये हैं। 

पुलिस ने उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आतंकी को गया व्यवहार न्यायालय लाया गया है। जहां से अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया। एजाज पर बंगाल में कई आतंकवादी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है। 
 
बताया जा रहा है कि वह 2007 से ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के  लिए काम कर रहा है। पुलिस फिलहाल यह पता लगा रही है कि यहां कौन से स्थानीय लोग तौफीक के संपर्क में थे और उसका वास्तविक उद्देश्य क्या था। 

बिहार के गया से पहले भी आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। 14 सितंबर 2017 को पुलिस ने दो आतंकियों तौसीफ खान और उसकी सहयोगी सना खान को गिरफ्तार कर लिया था। यह दोनों गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में साल 2008 में विस्फोट करने के बाद गया के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में छिपकर रहते थे। 

खास बात यह है कि गया का विश्वप्रसिद्ध बोधगया मंदिर कई सालों से आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। 05 जुलाई 2013 को गया जिले के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में सिलसिलेवार बम विस्फोट किये गये थे। इस विस्फोट में कई लोग घायल हो गये थे जबकि कई बमों को बरामद कर निष्क्रिया किया गया था।

19 जनवरी 2018 और 15 सितंबर 2018 को भी महाबोधि मंदिर के पास से बम बरामद किए गए थे। पुलिस इन गिरफ्तार आतंकवादियों के वास्तविक उद्देश्य को जानने के लिए बारीकी से पड़ताल कर रही है।