नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस के कहर के बीच राज्य में केन्द्रीय टीम को भेजने के फैसले को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कड़ा रूख किया है। ममता बनर्जी ने पीएम नरेन्द्र को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है।

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में कोविड -19 स्थिति की निगरानी के लिए एक टीम भेजे जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों का दौरा करने और उन पर निगरानी रखने के लिए केन्द्रीय अंतर-मंत्रालय की टीम भेजने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ राज्य की ममता सरकार ने मोर्चा खोल दिया है। केन्द्र सरकार ने राज्य पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कोलकाता में केन्द्रीय टीम भेजी है। राज्य में ये जिले सबसे प्रभावित हैं।

राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार पर बगैर परामर्श या चर्चा के टीम भेजने को लेकर सवाल उठाए हैं। उधर राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। सिन्हा ने केन्द्र सरकार पर सवाल उठाया है कि  राज्य सरकार को सूचित करने के महज 15 मिनट के भीतर केंद्र सरकार की एक टीम कोलकाता में कैसे उतर सकती है। जाहिर है कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को जानकारी नहीं दी। यह एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केन्द्रीय टीम को सुविधा देने के लिए यहां पर मौजूद है।

राज्य सरकार उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगी। यदि उन्हें लगता है कि बीएसएफ या एसएसबी की मदद से, वे अपनी पसंद के किसी भी स्थान की यात्रा कर सकते हैं, ये सोचना गलत है। सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की केंद्र के साथ कोई लड़ाई नहीं है। लेकिन लोकतंत्र की एक संरचना है और उसका पालन किया जाना चाहिए। उधर राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की है।