नई दिल्ली। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर खतरा बढ़ता जा रहा है। पार्टी उन्हें किसी भी हाल में इस पद पर नहीं रखना चाहती है। वहीं नेपाल में सत्ता साझेदारी पर नए समझौते के लिये प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी प्रमुख पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के बीच बैठक बेनतीजा रही। सत्तारूढ़ पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की एक अहम बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। लेकिन समिति के ज्यादातर सदस्य ओली के खिलाफ हैं और उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटाना चाहते हैं। लेकिन ओली पद नहीं छोड़ना चाहते हैं।

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पद से इस्तीफा देने या एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वह दोनों पदों को अपने हाथ में रखना चाहते हैं। जबकि एनसीपी के ज्यादातर नेता पार्टी की पूरी कमान पुष्प कमल दहल के हाथ में देना चाहते हैं। वहीं गुरुवार को पार्टी के दोनों अध्यक्ष केपी शर्मा ओली, और प्रचंड के बीच और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार की उपस्थिति में बालूवाटार में प्रधानमंत्री आवास पर बैठक हुई।

पार्टी के स्थाई समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि तीनों ही नेताओं के बीच बैठक सफल नहीं हो सकी और कोई समझौता नहीं हो सका। प्रधानमंत्री ओली और नाराज गुट का नेतृत्व कर रह रहे प्रचंड अपनी-अपनी मांगों कायम रहे। फिलहाल दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों में आठ बार बैठक हो चुकी है। लेकिन सत्ता साझेदारी पर पहुंचने में ओली और प्रचंड नाकाम रहे। 

आज हो सकता है ओली के भाग्य का फैसला

वहीं बताया जा रहा है कि आज पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक होने जा रही है और इसमें ओली के राजनीतिक भविष्य पर निर्णय हो सकता है।  ओली ने पार्टी के दूसरे धड़े पर आरोप लगाया है कि वह भारत की मदद से उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रही है। वहीं प्रचंड समेत पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पार्टी के ज्यादातर नेताओं का कहना है कि ओली निरंकुश शैली में देश चला रहे हैं और अपने निजी हितों को सर्वोपरि रख रहे हैं।