भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ फिक्की ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की गति बरकरार है। जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है और आने वाले समय में इसमे और तेजी होगी।

औद्योगिक उत्पादन में मई में जो 3.2% की गिरावट और खुदरा बाजार में 5% मामूली उछाल आई है, यह अल्पकालिक चुनौतियां है और इसको पीछे छोड़कर आगे बढ़ा जा सकता है। इस से अर्थव्यवस्था में होने वाली वृद्धि पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। इससे सरकार और आरबीआई निपट लेगा।

फिक्की अध्यक्ष राशेष शाह ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन वृद्धि में अगले कुछ महीनों में रिबाउंड होने की उम्मीद है और भारतीय रिजर्व बैंक इस पर लगातार नज़र बनाए हुए है। सरकार और बैंक के बड़े अधिकारी इसको लेकर कदम उठाएंगे।अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत हैं और इसमें जीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे मुद्रास्फीति की दर में भी कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद और केंद्र सरकार जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए कदम उठाने के लिए तैयार है।