हालांकि अभी तक पार्टी ने किसी को पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की है वहीं सोनिया गांधी अभी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही हैं। बघेल ऐसे पहले नेता नहीं हैं जो राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करने की वकालत कर रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस क कई नेता राहुल गांधी के पक्ष में बयान दे चुके हैं। बघेल पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद इस तरह का बयान दे चुके हैं। खुर्शीद ने कहा कि राहुल गांधी ने जल्दीबाजी में इस्तीफा दिया।
नई दिल्ली। कांग्रेस में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग उठने लगी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष के पद पर नियुक्त बनाना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं और उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हालांकि अभी तक पार्टी ने किसी को पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की है वहीं सोनिया गांधी अभी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही हैं।
बघेल ऐसे पहले नेता नहीं हैं जो राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करने की वकालत कर रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस क कई नेता राहुल गांधी के पक्ष में बयान दे चुके हैं। बघेल पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद इस तरह का बयान दे चुके हैं। खुर्शीद ने कहा कि राहुल गांधी ने जल्दीबाजी में इस्तीफा दिया। वहीं पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी कह चुके हैं कि राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनना चाहिए।
असल में कांग्रेस में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने को लेकर दो गुट हैं। ज्यादातर युवा नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से पार्टी कमान अपने हाथ में लें। जबकि पुराने नेता चाहते हैं सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहें। इसका उदाहरण पिछले दिनों दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हुई गुटबाजी में देखने को मिल चुका है। राहुल गांधी के पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देते ही और सोनिया गांधी के पार्टी कमान संभालने के बाद राहुल गांधी के समर्थक नेताओं को किनारे कर दिया गया। चाहे हरियाणा हो या फिर महाराष्ट्र राहुल गांधी के करीबी नेता हाशिए पर रहे।
जबकि सोनिया गांधी के समर्थक नेताओं को तवज्जो मिलने लगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जुलाई में राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्हें मनाने के लिए कई दिनों तक ड्रामा चला, लेकिन राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि वह नहीं चाहते हैं कि गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष बने। लेकिन आखिरकार पार्टी ने सोनिया गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। हालांकि इसकी विपक्षी दलों ने काफी निंदा की थी।
Last Updated Dec 8, 2019, 2:08 PM IST