अमेठी के मुंशीगंज में स्थित संजय गांधी अस्पताल एक बड़े विवाद में घिर गया है। इस अस्पताल के एक डॉक्टर ने गंभीर अवस्था में लाए गए एक मरीज को यह कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया कि ये ‘राहुल गांधी अस्पताल है और यहां नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई मेडिकल योजना के तहत दिया गया आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा।’ कुछ दिन बाद मरीज की मौत हो गई। 

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वेबसाइट के मुताबिक, यह अस्पताल इंदिरा गांधी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के तहत आता है। यह संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ‘पहल’ है। संजय गांधी अस्पताल की वेबसाइट के मुताबिक, पूर्वी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस अस्पताल को अमेठी की जनता को समर्पित किया था। बावजूद इसके अमेठी के एक मरीज का इलाज करने से डॉक्टर ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ‘यह पीएम मोदी और सीएम योगी का अस्पताल नहीं है, यह राहुल गांधी का अस्पताल है, जहां आयुष्मान कॉर्ड नहीं चलता है।’ 

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अस्पताल की वेबसाइट के मुताबिक, ‘संजय गांधी अस्पताल की आधारशिला एक सितंबर, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने रखी थी। उन्होंने इस अस्पताल को अमेठी की जनता को समर्पित किया था।’

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वेबसाइट के मुताबिक, यह सिर्फ राहुल गांधी का ही अस्पताल नहीं है बल्कि यह सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का भी अस्पताल है। 

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संजय गांधी अस्पताल की वेबसाइट के मुताबिक, ‘यह ट्रस्ट सोनिया गांधी की अगुवाई में चलता है। इसके ट्रस्टियों में राहुल गांधी, कैप्टन सतीश शर्मा और कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा भी शामिल हैं। इस ट्रस्ट के प्रशासक विंग कमांडर रिटायर्ड मनोज मुट्टू हैं।’

पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर सिद्धार्थ ने राजनीति के चलते उनके गंभीर रूप से बीमार परिजन का इलाज नहीं किया। इसके बाद ‘माय नेशन’ ने अस्पताल की वेबसाइट को खंगाला, उसमें डा. सिद्धार्थ भी मिल गए। 

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इसमें कहा गया है, ‘ट्रस्ट एक शानदार ग्रामीण मेडिकल सेंटर चलाता है। इसके तहत संजय गांधी अस्पताल और इंदिरा गांधी स्कूल एवं इंदिरा गांधी स्कूल एंव नर्सिंग कॉलेज (आईजीएससीओएन), इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, इंडिरा गांधी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट  और राजीव गांधी कंप्यूटर शिक्षा केंद्र आते हैं।’