लखनऊ। उत्तर प्रदेश जिले के लखीमपुर-खीरी में एक सांप वन विभाग के कर्मचारियों ने पकड़ा है। जिसके बारे में कहा जाता है कि इस प्रजाति के सांपों की आयु 900 साल होती है। हालांकि इसके लिए कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आए हैं। लेकिन माना जाता है कि तक्षक सांप की आयु 9 सौ साल तक होती है। इसे ऐतिहासिक तक्षक सांप बताया गया है। ये भी कहा जाता है कि भगवान शिव के गले में जो सांप उनका हार रूप में दिखता है वह तक्षक ही है।

लखीमपुर खीरी के मैलानी कस्बे के एक घर से वन विभाग ने एक ऐसे सांप का रेस्क्यू किया है, जिसे तक्षक कहा जा रहा है। इस सांप के बारे में कहा जाता है कि इसकी प्रजाति 900 साल तक जिंदा रहती है। हालांकि वैज्ञानिक तौर से इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। लेकिन मान्यताएं हैं कि इस प्रजाति की सांप सबसे ज्यादा जिंदा रहता है।

वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि इस सांप में इतना जहर होता है कि एक बूंद में कई लोगों की जान जा सकती है। फिलहाल वन विभाग के कर्मचारियों ने इसे पकड़कर इसे फिर से दुधवा टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया है। वन विभाग के कर्मचारी गणेश शुक्ला ने बताया कि तक्षक सैकड़ों वर्ष पुरानी सांप की प्रजाति है।

पौराणिक कथाओं में ये मान्यता है कि भागवान शिव जिस सांप को गले में हार की तरह रखते हैं वह तक्षक ही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पाताल में निवास करने वाले 8 नागों में से एक तक्षक भी है। हालांकि ये भी कहा जाता है कि कई सांप सौ साल से ऊपर जीते थे जबकि कुछ सांपों के बारे में कहा गया कि वो 500 साल से ज्यादा जीते हैं। हालांकि सांपों की आयु 40 से 45 साल के बीच में होती है।

क्या हैं तक्षक की पौराणिक मान्यता

तक्षक क  बारे में कहते हैं कि भगवान शिव इसे अपने गले में माला के रूप में पहनते हैं। यही नहीं पाताल में जो आठ सांपों की प्रजाति रहती है उसमें एक तक्षक भी है और ये कश्यप ऋषि का पुत्र है। राजा परीक्षित को इसी ने काटा था और इसके बाद उनके बेटे राजा जनमेजय संसार भर के सांपों का नाश करने के लिये सर्पयज्ञ आरंभ किया था।