नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन में 1-15 मार्च को तब्लीग-ए-जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 24 लोगों में कोरोनोवायरस पॉजिटिव पाए जाने और दस लोगों की की मौत के बाद दिल्ली सरकार अलर्ट में है।  इसके साथ ही तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू को भी अलर्ट में रखा गया है।  दिल्ली सरकार ने करीब  200 लोगों की जांच कर उन्हें क्वारंटीन किया है।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली मस्जिद के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के  6 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हो गई है वहीं चार अन्य लोगों की मौत की खबर है। छह लोगों की मौत की खबर तेलंगाना की केसीआर सरकार ने दी।  इसके बाद तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है।  वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि दिल्ली में अभी किसी में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।  लेकिन जांच की जा रही है।

मरकज़ की इमारत में 1500-1700 लोग इकट्ठे हुए थे। इसके अलावा, 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है  और उनमें से 334 को अस्पताल भेजा गया है जबकि 700 को  क्वारंटिन सेंटर में भेजा गया है।  फिलहाल मरकज की बैठक के बाद क्वारंटीन किए गए 200 लोगों के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है, जिसमें कोरोनोवायरस और मरकज भवन को लेकर चर्चा की जा रही है।

वहीं देवबंद के विद्वान महमूद मदनी ने भी निज़ामुद्दीन मस्जिद में धार्मिक के कार्यक्रम की निंदा की है। मदनी ने कहा जो लोग कोरोनोवायरस महामारी की चेतावनी के बावजूद लॉकडाउन के आदेशों की अवहेलना कर मकरज के कार्यक्रम में शामिल हुए वह मूर्ख हैं और उनकी निंदा की जानी चाहिए।  क्योंकि ऐसा कर उन्होंने कई अन्य लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला है। फिलहाल वेस्ट निजामुद्दीन में मौजूद मस्जिद  को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।

वहीं तीन राज्यों - तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनोवायरस के कुल मामलों की संख्या सोमवार को बढ़कर 97 हो गई, जबकि एक दिन में 25 ताजा मामले सामने आए। रविवार रात तक, शहर में घातक वायरस के मामलों की संख्या 72 थी, जिसमें दो मौतें शामिल थीं।