भोपाल। भोपाल में गरीब तबके के लोगों के लिए खुशखबरी।  राज्य सरकार ने फैसला किया है कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राज्य सरकार मुफ्त में राशन देगी। ये फैसला राज्य सरकार ने लिया है। हालांकि इस प्रस्ताव को अभी तक कैबिनेट ने पारित नहीं किया है। क्योंकि राज्य में अभी तक चौहान सरकार के कैबिनेट का गठन नहीं हो सका है।

देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने कई तरह के फैसले किए हैं। जिसके तहत राज्य सरकार उन गरीबों के भी मुफ्त में राशन देगी। जिनके पास अभी तक राशन कार्ड नहीं है। वहीं राज्य सरकार ने शहर विभिन्न छात्रावासों को क्वारंटीन जोन बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें मुफ्त में राशन दिया जाएगा, क्योंकि राज्य में कोरोनोवायरस महामारी जारी है।

उन्होंने  कहा कि राशन कार्ड के बिना उन लोगों को भी उचित मूल्य की दुकानों से मुफ्त में राशन दिया जाएगा। राज्य में किसी भी व्यक्ति इस संकट में भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को ही राजधानी भोपाल में पेट्रोल पंपों, सड़कों और अस्पतालों का दौरा कर हालत का जायजा लिया।  इससे पहले चौहान ने पिछले दिनों राजधानी का दौरा कर लोगों को सोशल डिस्टिंसिंग का पालन करने को कहा था। सिंह ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में आवश्यक सामानों की आपूर्ति की जाएगी और कही भी राशन और जरूरी सामान की कमी नहीं होगी।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राज्य के पांच हजार कैदियों को 60 दिनों की पैरोल  और तीन हजार कैदियों को 45 दिनों के लिए जमानत पर रिहा करने का फैसला किया है। यह फैसला कैदियों के बीच कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए उठाया गया है।

राज्य सरकार ने ये आदेश सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद दिया है। सरकार ने सोमवार को पंजीकृत मजदूरों के खातों 1,000 रुपये स्थानांतरित किए हैं। राज्य सरकार ने इसके तहत राज्य के करीब नौ करोड़ पंजीकृत मजदूरों के खातों में 88 करोड़ रुपये से अधिक स्थानांतरित किए गए हैं।  गौरतलब है कि राज्य में अब तक 47 दर्ज किए हैं, जिनमें इंदौर में 27, भोपाल में तीन, ग्वालियर में दो, जबलपुर में आठ, शिवपुरी में दो और उज्जैन में पांच हैं।