नई दिल्ली। राज्यसभा से दो दिन पहले तीन तालक  बिल पारित हो जाने के बाद अब राष्ट्रवपति रामनाथ कोविंद ने भी इस बिल को अपनी मंजूरी दे दी। अब मुस्लिम महिलाओं को तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर छोड़ना अपराध होगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे कानून का रूप अख्तियार कर लिया है।

तीन तलाक को अपराध करार देने वाले विधेयक को केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में पारित कराया था जबकि इससे पहले ये पिछले हफ्ते लोकसभा से पारित हो गया था। अब तीन तलाक को अपराध करार देने वाले ऐतिहासिक विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी मंजूरी दे दी।

उनके हस्ताक्षर के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक अब कानून बन गया है। असल में पिछले साल ही केन्द्र सरकार ने इस लोकसभा में पेश किया था, लिहाजा इस को 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा।

फिलहाल भारी विंरोध के बाद केन्द्र सरकार इसे राज्यसभा में भी पारित कराने में सफल रही है। राज्यशभा में इस बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े थे। बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके और टीडीपी समेत कई दलों ने  वोटिंग में हिस्सा न लेकर सरकार को एक तरह से इस बिल के पक्ष में अपनी रजामंदी दी और सदन से बाहर चले गए थे।
हालांकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे थे, लेकिन वहां पर वोटिंग में विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा।

अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद 21 फरवरी को जारी किए गए मौजूदा अध्यादेश की जगह इस नए कानून ने ले ली। असल में केन्द्र सरकार ने इस बिल को तीसरी बार राज्यसभा में पेश किया था।

इससे पहले तीन बार इसे लोकसभा में मंजूरी मिल गयी थी, लेकिन राज्यसभा में बहुमत ने होने के कारण सरकार इसे पारित नहीं करा पा रही थी। लेकिन सरकार ने बेहतर रणनीति बनाकर इस सामाजिक बुराई को इस कानून के लिए खत्म कर दिया है।