नई दिल्ली।  आज से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामेदार होने के आसार हैं। सत्र के दौरान विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार को दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर घेरेगा और केन्द्रीय गृहमंत्री से इस्तीफा मांगेगा। विपक्षी दिल्ली पुलिस की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते उनके इस्तीफे के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाएगा। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है जबकि पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला था। 

दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस पहले से ही केन्द्र सरकार पर आक्रामक है। कांग्रेस लगातार केन्द्र सरकार को दिल्ली में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।  दिल्ली पुलिस के जरिए कांग्रेस कांग्रेस केन्द्रीय गृहमंत्री पर निशाना साध रही है और उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आज दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर बहस कराने की लोकसभा अध्यक्ष से मांग कर सकती है।

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी हालांकि पहले ही भाजपा पर निशाना साध रहे हैं और उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को सदन में जोरशोर से उठाएगी। चौधरी ने कहा कि दिल्ली में दंगा फैलाने वालों और पुलिस अफसरों के बीच में मिलीभगत हो सकती है।  क्योंकि अगर दिल्ली पुलिस सजग रहती तो हिंसा वहीं होती। दिल्ली हिंसा में पुलिस के एक वर्ग का हाथ हो सकता है। इसके साथ की कांग्रेस दिल्ली हिंसा की जांच संसद की समिति से कराने की मांग कर सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली में दंगों के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।  इसके जरिए वह सीधे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को निशाना बना रहे हैं।

 क्योंकि दिल्ली पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। वहीं गुरुवार को ही कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपकर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी। कांग्रेस ने कहा कि वह अपना राष्ट्रधर्म निभाए और शाह ने इस मामले में अपने दायित्व का उचित निर्वाह नहीं किया है।गौरतलब है कि दिल्ली में हुई हिंसा में अभी तक 46 लोगों की मौत हो गई है। उपद्रवियों ने सैकड़ों को घरों को जला दिया है। हालांकि अभी तक हालात नियंत्रण में हैं।