नई दिल्ली। कहते हैं जीवन में एक पल जिंदगी के मायनों को बदल देता है। कुछ ही हुआ टॉयज फॉर टॉट्स संस्था के अध्यक्ष हेमंत निगम के साथ। जब तीन साल पहले उन्होंने एक खिलौने के शोरूम के बाहर दो बच्चों को बैठे देखा। वह गरीब बच्चे शोरूम में रखी गुडि़या को निहार रहे थे। तब हेमंत निगम ने नहीं सोचा  था कि वह गरीब बच्चों के लिए आने वाले समय में खिलौने वाले अंकल बन जाएंगे।

हेमंत निगम अभी तक करीब 10 हजार बच्चों को खिलौने वितरित कर उनके चेहरे पर मुस्कान ला चुके हैं। जिन गरीब बच्चों को दो वक्त का खाना नसीब नहीं होता है। हेमंत उन बच्चों के लिए खिलौने लाते हैं और अन्य मदद करते हैं। ताकि उनके चेहरे पर मुस्कान आ सके। अब हेमंत 'खिलौने वाले अंकल' बन चुके हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के रहने वाले इलेक्‍ट्रॉनिक कारोबारी हेमंत निगम ने बच्चों को खिलौने देने के लिए संस्था 'टॉयज फॉर टॉट्स' की स्थापना की।  उन्होंने दृढ़ संकल्प किया कि वह गरीब बच्चों को खिलौने वितरित करेंगे। संस्थान 2019 में 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' तक में अपना नाम दर्ज करा चुकी है।

वहीं हेमंत निगम की  सहायता स्थानीय प्रशासन कर  रहा है। हेमंत ने एक मीडिया  हाउस को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि तीन साल पहले जब वह शहर के माधव नगर के पास से गुजर रहे थे तो उन्होंने खिलौने के शोरूम के बाहर दो बच्चों को बैठे देखा। ये दोनों बच्चे शोरूम में रखी गुडि़या को निहार रहे थे। वहीं दोनों बच्चों के मां-पिता पास में ही मजदूरी कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने जब बच्चों को बिस्किट दिया तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया तब उन्हें लगा कि रोटी-कपड़ा तो सब देते हैं, लेकिन मासूमियत को खिलौनों की जरूरत है और इसके बाद उन्होंने बच्चों को खिलौने बांटने का फैसला किया।

इसी दौरान जेल में रहने वाले बच्चों को खिलौने बांटने के वक्त वहां के तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन से मुलाकात हुई है और उन्होंने जेल में स्कूल खोलने को कहा तो संस्था ने जेल में ही बाल शिक्षा केंद्र नाम से स्कूल शुरू किया। फिलहाल  यहां पर 21 बच्चे हैं। वहीं शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास विभाग ने दो शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल में की है।