नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार द्वारा हिंट एंड रन से जुड़े कानून में बदलाव के बाद ट्रक ड्राइवरों का गुस्सा सातवें आसमान पर हैं। हिमाचल से लेकर पंजाब तक पूरे देश में ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप गया है। लाए गए कानून के खिलाफ चालकों ने टैंकर से लेकर बसे तक सड़क पर छोड़ दी और हड़ताल कर रहे हैं। लगातार ये प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। अगर कुछ दिनों तक चालक हड़ताल पर रहे तो सप्लाई चैन थप होने के साथ फ्यूल की किल्लत का सामना भी आम नागरिकों को करना पड़ सकता है। 

30 लाख से ज्यादा ट्रकों का चक्का जाम

लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ट्रक एसोएिशन की हड़ताल हो रही हैं ऐसे में विपक्ष दल सरकार को घेर सकते हैं। वहीं नए कानून को लेकर पूरे देश में विरोध देखने को मिल रहा है। दिल्ली,महाराष्ट्र, एमपी, राजस्थान,यूपी,बिहार, पंजाब गुजरात समेत कई राज्यों में हड़ताल असर दिखाई देने लगा है। रिपोर्ट्स की मानें तो देश में 95 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर हैं। जिनमें से 30 लाख से ज्यादा हड़ताल पर हैं और ऐसे में सप्लाई चैन प्रभावित हो गई है। हड़ताल से फ्यूल की समस्या आ गई है। कई शहरों में पेट्रोल-डीजल का लिमिटेड स्टॉक बचा है। पेट्रोल-डीजल के संकट को देखते हुए पेट्रोल पंप पर भी लोगों की भारी भीढ़ है। 

आखिर क्यों हो रहा है विरोध ?

गौरतलब है, मोदी सरकार ने रोड एक्सीडेंट करने भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़ा बदलाव किया है। नए कानून के तहत यदि कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए का जुर्माना देगा। हालांकि यदि कोई ट्रक ड्राइवर मानवता दिखाते हुए घायल को अस्पताल ले जाता और घटना के बाद भागता नहीं है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी। सरकार का तर्क है की ऐसा कने से रोड एक्सिडेंट में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी आएगी। 

नए कानून से क्यों नाराज हैं चालक

वहीं नए कानून पर ट्रक-टैंकर्स चालकों का कहना है हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए बड़ा खतरा है। हादसे के बाद लोगों में गुस्सा होता है और लोग तोड़फोड़ के,हंगामा करने के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अगर हम वहां रुकते हैं और भीड़ ने हमें घेर लिया तो ये हमारी जान भी मुसीबत में पड़ सकती हैं। 

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