शिवसेना की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब एक दिन ही पहले राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख जनमेजय शरणजी महाराज ने उद्धव ठाकरे से पार्टी के मुख्यालय सेना भवन में मुलाकात की थी।
राम मंदिर को लेकर मची राजनैतिक होड़ के बीच, शिवसेना ने कहा है कि इस मुद्दे पर अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे दशहरे के बाद अयोध्या जाएंगे। पार्टी ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर सहयोगी दल भाजपा की आलोचना भी की है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता अरविंद सावंत ने कहा कि सत्तारूढ़ राजग ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले लोगों से तीन वादे किए थे। ये थे संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त करना, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और कश्मीर मुद्दा हल करना।
सावंत ने कहा, ‘हम ऐसा कुछ नहीं कर रहे जो हमने पहले नहीं कहा था। जब किसी ने भी बाबरी मस्जिद विध्वंस की जिम्मेदारी नहीं ली तो शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ने ली। अब राजग को सत्ता में आए साढ़े चार साल हो गए हैं लेकिन अब भी राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हुआ और यह मामला अदालत में लंबित है।’ मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘शिवसेना इस मुद्दे के साथ खड़ी रहेगी।’
शिवसेना की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब एक दिन ही पहले राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख जनमेजय शरणजी महाराज ने ठाकरे से यहां पार्टी के मुख्यालय सेना भवन में मुलाकात की थी। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शरणजी महाराज ने ठाकरे को अयोध्या आने का न्योता दिया और उन्हें बताया कि न्यास को राम मंदिर के निर्माण में शिवसेना की मदद की जरूरत है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के अनुसार, ठाकरे 19 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में अपनी यात्रा की तारीख की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का हमेशा से समर्थन किया है। चार साल से सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने वहां भव्य राम मंदिर बनाने के अपने वादे को अभी तक पूरा नहीं किया।’
Last Updated Oct 4, 2018, 6:48 PM IST