मुरादाबाद। मोहब्बत हर बंधन को तोड़ देते है। इसे न किसी सरहद में बांधा जा सकता है और न ही कहीं कैद किया जा सकता है। ऐसी ही एक अजब प्रेम की गजब कहानी भारत और ईरान के एक कपल के बीच हुई। दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज की छांव में इस कपल ने 15 मार्च को गोदभराई की रस्म पूरी की। भारत का लड़का और ईरान की लड़की ने अपने इश्क को सरहद की सीमाओं से परे जाकर रिश्तो के धागे में पिरो दिया।

इंस्टाग्राम के जरिए 3 साल पहले मिला था कपल
मुरादाबाद के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी आशियाना के रहने वाले दिवाकर यूट्यूबर है। 3 साल पूर्व इंस्टाग्राम के माध्यम से उसकी मुलाकात ईरान के हेमदान शहर की रहने वाली फाइजा से हुई। दोनों की दोस्ती व्हाट्सएप पर बात करने से और गहरा गई और फिर प्यार में बदल गई। आखिरकार दोनों ने वैवाहिक बंधन का फैसला किया।

प्रेम के आगे टूट गए तमाम पारिवारिक बंधन
शादी में तमाम सारी अड़चने थीं। दो अलग देश, दोनों के धर्म अलग, जाति, समुदाय और भाषा भी अलग होने की वजह से दिवाकर का परिवार इस रिश्ते को तैयार नहीं हुआ। 3 साल गुजर जाने के बाद आखिरकार बेटे के इश्क के आगे परिवार झुका।

दिवाकर ने ईरान जाकर मांगा फाइजा का हाथ
जुलाई 2023 में दिवाकर फाइजा का हाथ मांगने ईरान के हेमदान शहर में उसके घर गया। वहां उसके प्रस्ताव को लड़की के पिता ने स्वीकार कर लिया। ईरान से मुरादाबाद पहुंची फाइजा ने बताया कि दिवाकर का व्यवहार और विचार उसे अच्छे लगे। भारतीय संस्कृति और वातावरण से उसे बहुत पहले से लगाव था।

पूरी हुई गोदभराई की रश्म
दिवाकर की मां कुंता ने बताया कि फाइजा अपने पिता मसूद के साथ मुरादाबाद के एक होटल में रुकी थी। 15 मार्च 2024 को रात में गोदभराई की रश्म अदा हुई। संभल के सिद्ध बागेश्वर धाम के महंत सुभाष गिरी ने दोनों को आशीर्वाद दिया।

दोनों देशों के झंडे के साथ हुआ कपल का स्वागत
गोद भराई से पूर्व फाइजा अपने पिता मसूद के साथ जिस होटल में रुकी थी, वहां उसका भव्य स्वागत हुआ। होटल में भारत और ईरान के झंडे के साथ इस कपल का स्वागत किया गया। बैंड बाजा के आगे आगे सड़क किनारे भारत- ईरान का झंडा हाथ में लेकर दो युवक चल रहे थे। इस  दृश्य देखने के लिए लोगों का मजमा लगा था।

मंगेतर के साथ अयोध्या दर्शन करने जाएगी फाइजा
फाइजा का कहना है कि अयोध्या का नाम अपने देश में उसने बहुत सुना है। वह एक-दो दिन में दिवाकर के साथ रामलाल का दर्शन करने जाएगी। वह होली यहीं मनाएगी। वह दिवाकर के घर पर हिंदू धर्म की रीति-रिवाज के अनुसार शादी करेगी। दिवाकर ने बताया कि उसकी मां विदेशी बहू की भाषा को लेकर डरी थी, लेकिन अब फाइजा से मिलकर वह बहुत खुश है। 

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