लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्या अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के महासचिव के पद से इस्तीफा देकर चर्चा में आए थे। उनके मान-मनौव्वल का भी दौर चला, जो कामयाब नहीं हो सका। मंगलवार को उन्होंने एलएलसी पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही सपा की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी। इसी वजह से अब वह एक बार फिर चर्चा मे हैं। 

अखिलेश यादव की तरफ से वार्ता की पहल नहीं: मौर्या

स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा को अलविदा कहने का कारण भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को लिखे पत्र में जाहिर किया है। जिसमें मौर्या ने कहा है कि 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को भेजे गए पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल न करने के कारण सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूॅं। दरअसल, 13 फरवरी को उन्होंने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। विधान परिषद के सभापति को भेजे गए त्यागपत्र में उन्होंने कहा है कि चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। इसीलिए नैतिकता के आधार पर एमएलसी के पद से भी त्यागपत्र दे रहा हूॅं।

अखिलेश की प्रतिक्रिया पर मौर्या ने कही थी ये बात

हालांकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि यह कोई नहीं जान सकता है कि किसी व्यक्ति के अंदर क्या चल रहा है। हर कोई सिर्फ फायदे के लिए भाग रहा है। उनके बयान पर मौर्या ने कहा था कि आपकी पार्टी राज्य का केंद्र में पॉवर में नहीं है। कुछ देने की स्थिति में नही हैं। अब तक उन्होंने जो कुछ भी दिया है। वह उन्हें वापस करूंगा। मेरे लिए पद नहीं बल्कि विचारधारा मायने रखती है। मैं पिछड़ों और वंचित वर्ग की आवाज जरूर उठाऊंगा।

22 फरवरी को मौर्या कर सकते हैं बड़ा ऐलान

स्वामी प्रसाद मौर्या अपनी बात पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। उनका कहना है कि 13 फरवरी को महासचिव पद से इस्तीफ के बाद अखिलेश यादव ने उनसे बात करना भी जरूरी नहीं समझा। इसलिए वह ऐसा कर रहे हैं। वैसे 22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का समागम होना है। उसी दिन स्वामी प्रसाद मौर्या कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

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