बिजनौर। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में 27 मार्च को सुबह एक अनियंत्रित कार पलट गई। जिससे कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। उसमें कार चालक सिपाही, उसके छोटे भाई, पिता और मामा की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने छानबीन में पाया की इस दर्दनाक हादसे की वजह कार की तेज रफ्तार थी। पुलिस ने चारों लाशों को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है। उनके घरवालों को सूचित कर दिया गया है। 

बिजनौर के NH-74 पर अनियंत्रित होकर पलटी कार 30 मीटर तक घिसटी
जनपद के नजीबाबाद थानंतर्गत गुनियापुर गांव के सामने NH-74 पर बुधवार की सुबह करीब 7 बजे एक तेज रफ्तार कार अचानक अनियंत्रित हो गई। ड्राइवर संभाल पाता उससे पहले ही कार पलट गई। स्पीड की वजह से पलटने के बाद भी कार करीब 30 मीटर तक सड़क पर घिसट गई थी। जिससे कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। 

 

कार से बाहर निकालते ही हो गई चारों युवकों की मौत
ग्रामीणों ने देखा तो भागकर मौके पर पहुंचे। पुलिस को खबर दी गई। पुलिस पहुंची और ग्रामीणों की मदद से कार में फंसे चारों लोगों को बाहर निकाला। सभी गंभीर रूप से घायल थे। अस्पताल ले जाने से पहले ही चारों ने दम तोड़ दिया। 

डाक्यूमेंट के आधार पर शिनाख्त कराने में जुटी पुलिस
गुनियापुर थाने की पुलिस के मुताबिक अमरोहा के सिकरेहडा गांव के रहने वाले मेहर सिंह बीमार थे। उनकी दवा ऋषिकेश एम्स से चल रही थी। मेहर सिंह का बड़ा बेटा प्रवेंद्र रामपुर में सिपाही के पद पर तैनात था। पिता को डॉक्टर को दिखाना था। बेटे प्रवेंद ने पिता से कहा कि आप मामा देवेंद्र (50) और भाई रतन सिंह को लेकर बिजनौर आ जाइए। मैं भी रामपुर से छुट्टी लेकर यहीं कार लेकर आ जाऊंगा। बेटे के कहने पर मेहर सिंह साले देवेंद्र और छोटे बेटे रतन सिंह के साथ अमरोहा से ट्रेन पकड़कर बिजनौर पहुंचे। सभी लोग कार से ऋषिकेश गए। सिपाही प्रवेंद्र रात भर जगा था और कार भी वही चला रहा था। हाईवे पर अचानक उसे झपकी आ गई और कार बेकाबू होकर पलट गई। इसमें कार सवार सभी लोगों की मौत हो गई। एसपी सिटी संजीव वाजपेई ने बताया कि 2 बेटे अपने पिता का इलाज कराने के लिए ऋषिकेश एम्स जा रहे थे।

 

 

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