फतेहपुर। फतेहपुर जनपद के धाता कोतवाली अंतर्गत  23 साल के युवक ने ऑनलाइन गेमिंग एप के चक्कर में ऐसी क्रूर साजिश रची की सुनने वालों का कलेजा कांप गया। अपने कर्ज को उतारने के लिए मां-बाप का 55 लख रुपए का इंश्योरेंस कराया। फिर इंश्योरेंस का पैसा पाने के लिए मां की गला घोट कर हत्या कर दी। लाश को वह यमुना नदी के किनारे फेक आया। पुलिस के सामने उसने जो कहानी बताई, उसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
 

पिता गए थे दर्शन करने, बेटे ने मां  का दबा दिया गला, लाश यमुना किनारे छिपा आया
जनपद के धाता कोतवाली अंतर्गत अढौली निवासी रोशन सिंह पटेल दो भाई है। उनके बड़े भाई जेठालाल सिंह पटेल रिटायर्ड फौजी है। उनके कोई संतान नहीं है। वह अपनी पत्नी और रोशन सिंह के बड़े बेटे अंकुर को लेकर प्रयागराज में रहते हैं। उन्होंने अंकुर को गोद ले रखा है। गांव में रोशन सिंह अपनी पत्नी प्रभा सिंह (49) छोटे बेटे हिमांशु सिंह (23) के साथ रहते थे।
रोशन चित्रकूट के राजपुर स्थित हनुमान जी का दर्शन करने गए थे। वापस लौटे तो घर में प्रभा नहीं दिखी। बेटे हिमांशु से मां के बारे में पूछा तो उसने बताया कि नाना की तबीयत खराब है। उन्हीं को देखने के लिए मां  मायके सुनारी गांव गई है। 


 

भुसौल में मिले घसीटने के निशान तब हुआ पिता को शक
शाम को हिमांशु ने खाना बनाया। पिता पुत्र ने खाना खाया।  उसके बाद वह खेत में पानी लगाने के लिए कह कर घर से चला गया। रात में करीब 2:00 बजे आहट होने पर रोशन की नींद खुली तो उनके चारपाई के बगल में लोहे की रॉड व धारदार बांका पड़ा था। घर के सारे दरवाजा भी खुले थे। रोशन को शक हुआ तो वह भूसे की कोठरी में प्रभा को खोजने गए। वहां घसीटने के निशान बने थे। भूसे में पत्नी की चप्पल पड़ी देखी। जिससे वह मारे डर के पूजा घर में छिप गए। 
 

पिता के मोबाइल से डिलीट कर दिए थे सारे कांटेक्ट नंबर
शातिर बेटे हिमांशु ने पिता के मोबाइल से सारे नंबर डिलीट कर दिए थे। ताकि वह किसी से संपर्क ना कर सके। 21 फरवरी को भोर में करीब 3:30 बजे जब उनके पड़ोस में रहने वाले चचेरे भाई जय सिंह का दरवाजा खुला तो भाग कर उसके घर में घुस गए। वहां उन्होंने जय सिंह से सारी बात बताई। जय सिंह ने सुनारी गांव फोन कर भाभी प्रभा के बारे में पूछा। जहां से पता लगा कि प्रभा मायके नहीं आई है। उसके बाद हिमांशु भाग गया। 


 

गांववालो ने बताया की ट्रैक्टर लेकर यमुना की तरफ गया था हिमांशु
कुछ लोगों ने बताया कि 20 फरवरी को हिमांशू को ट्रैक्टर से जाते देखा था। परिजनों को पता चला कि ऐरई गांव में यमुना नदी के किनारे टीले पर एक महिला का शव पड़ा है। उन्होंने जाकर देखा, तो बोरे में शव प्रभा का भरा था। रोशन का कहना है कि हिमांशु उन्हें भी मारना चाहता था। 

तीन महीने पहले से ही साजिश रच रहा था कातिल बेटा
महज 23 साल के हिमांशु के दिमाग में 3 महीने पहले से ही साजिश चल रही थी। उसी के तहत उसने अपने माता-पिता का दिसंबर 2023 में 30 और 25 लाख रुपए का इंश्योरेंस कराया था और उसमें नॉमिनी खुद हो गया था। इंश्योरेंस के कागजात भी उसने खुद अपने पास रखे थे।


 

हिमांशु को जुपी प्लेटफार्म पर लगी थी गेमिंग की लत
पुलिस के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण हिमांशु ने मां की हत्या कर दी। ताकि वह उनके जीवन बीमा के 55 लाख रुपए का भुगतान का दावा कर सके।  इसी गेमिंग के चक्कर में उसने मौसी का गहना बेच दिया। मां के भी गहने चुरा लिया। बैंकों से कर्ज लिया था। उसे पर 4 लाख रुपए का कर्ज है। जिन्हें उतारने का उसे पर प्रेशर था। पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि हिमांशु गेमिंग प्लेटफॉर्म ज़ूपी पर गेमिंग का आदी था। लत ऐसी थी कि बार-बार हारने के कारण उसे उधार उसे उधर लेकर खेलना पड़ रहा था। जिससे वह कर्जदार हो गया। 

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