बांदा। 30 मार्च को गाजीपुर में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दूसरी तरफ उसकी उसके मौत की न्यायिक जांच के लिए गठित टीम शनिवार सुबह बांदा जेल पहुंची। इस टीम में बांदा के जिला जज, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल शामिल हैं। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह को मामले में जांच अधिकारी नामित किया गया है। उनकी ही निगरानी में आज जांच शुरू की गई। पहले दिन न्यायिक टीम करीब 45 मिनट तक जेल के अंदर रही। 

डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पहुंची जांच टीम ने की गहन छानबीन
गौरतलब है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बांदा भगवान दास गुप्ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है।  जिसके तहत यह जांच शुरू कर दी गई है। सूत्राें के अनुसार  न्यायिक टीम में शामिल न्यायिक और पुलिस व प्रशासनिक अफसर शनिवार को पूर्वान्ह 11:25 बजे बांदा जेल में दाखिल हुए। जेल में चारों तरफ लगे CCTV कैमरों और उनकी रिकार्डिंग चेक की गई।सबसे पहले जांच टीम ने बैरक नंबर-16 की गहन छानबीन की। इसी बैरक में मुख्तार को रखा गया था।

 

45 मिनट तक जेल के अंदर रही जांच टीम, कैदियों से की पूछताछ
बैरक में रखी एक-एक चीज को टीम के सदस्यों ने बारीकी से परखा। जिन बर्तनों में मुख्तार को खाना परोसा जा रहा था, उन बर्तनों की भी चेक किया गया।  साथ ही जेल के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई।   जांच टीम जेल के अंदर करीब 45 मिनट तक रही। उसके बाद दोपहर 12:10 बजे के आस-पास जांच टीम जेल से चली गई। 

बेटे ने आखिरी बार पिता के मूंछों पर दिया ताव 
दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार सुबह करीब 10.45 बजे गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान अपने चहेते मुख्तार को श्रद्धांजली देने वाले करीब 32 हजार से ज्यादा लोग जनाजे में शामिल हुए। उसके पैतृक गांव बड़ा फाटक स्थित घर पर मुख्तार का शव अंतिम दर्शन के लिए रख गया था। छोटे बेटे उमर ने पिता के मूछाें पर ताव दिया, इत्र छिड़का। 

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