यूपी के कन्नौज में एक बेरोजगार युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा। उसने लिखा है, "वह बेरोजगारी से तंग आकर अपनी जान दे रहा है, क्योंकि आधी उम्र पढ़ते पढ़ते गुजर गई। जो डिग्री मिली, वह एक नौकरी नहीं दिला सकी।
कन्नौज। यूपी के कन्नौज जिले में बेरोजगारी से परेशान एक युवक ने सुसाइड कर लिया सुसाइड से पहले युवक ने अपनी सारी एजुकेशनल डिग्री जला दी उसके बाद एक सुसाइड नोट लिखा। जिसमें उसने लिखा कि ऐसी डिग्री का क्या फायदा जो एक नौकरी ना दिला सके।
सुसाइड से पहले जला दिया था अपना सारा एजुकेशनल डॉक्यूमेंट
कन्नौज जनपद के सदर कोतवाली अंतर्गत भूड़ पुरवा गांव निवासी बृजेश पाल 28 वर्ष का हो गया था। उसने बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी। नौकरी की तलाश में था। 23 फरवरी को उसने अपने कमरे में फांसी लगा लिया। जब काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो घरवाले उसे बुलाने गए। तब पता चला कि वह फांसी के फंदे से लटका हुआ है। घरवालों ने उसे फंदे से नीचे उतारा, लेकिन तब तक में उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस को सूचना दी गई।पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की तो उसकी जेब में एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने आत्महत्या की वजह बेरोजगारी लिखी है। पुलिस के अनुसार बृजेश पाल ने सुसाइड से पहले अपना सारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र जला दिया है।
अखिलेश यादव ने लिखा, "भाजपा सरकार में नौकरी की उम्मीद बेमानी"
युवक की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उसकी फोटो और सुसाइड नोट अपने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा, "जीवन देना कोई समाधान नहीं होता संघर्ष समाधान का रास्ता निकलता है।भाजपा सरकार में नौकरी की उम्मीद बेमानी है।"
ये एक बेहद दुखद ख़बर है कि बेरोज़गारी की त्रासदी से निराश होकर कन्नौज में एक युवा बृजेश पाल ने फांसी लगाकर जान दे दी और और ऐसा करने से पहले उसने अपनी सारी डिग्रियां जला डाली।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 23, 2024
जीवन देना कोई समाधान नहीं होता, संघर्ष ही समाधान का रास्ता निकालता है। भाजपा सरकार में नौकरी की उम्मीद… pic.twitter.com/9FrHQrk3ec
बृजेश ने सुसाइड नोट में लिखा, " आधी उम्र पढ़ते निकल गई"
बृजेश पाल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि, "मेरे माता-पिता मुझे माफ कर देना। मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं। मेरी मौत के बाद किसी को परेशान ना किया जाए। मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मैं अब और जीना नहीं चाहता हूं। हमें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं थी। बस हमारा मन भर गया है और आज मैं सबका साथ छोड़ने जा रहा हूं। हो सके तो हमको माफ कर देना। आज का दिन हमारे लिए आखरी है। आज हमने अपनी मां के साथ खाना खाया और हम अपने मां-बाप को धोखा देने जा रहे हैं। पापा का ख्याल रखना और बोल देना हमारा तुम्हारा इतना साथ था। संगीता (बहन) की शादी अच्छे से करना। भले ही हम नहीं हैं। हमने बीएससी के सारे कागज जला दिए हैं। क्या फायदा ऐसी डिग्री का जो एक नौकरी न दिल सकी। हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई। इसलिए हमारा मन भर गया है। बृजेश पाल।
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Last Updated Feb 24, 2024, 1:14 PM IST