लखनऊ। मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में विधायक बेटे अब्बास अंसारी के शामिल होने पर ग्रहण लगता दिख रहा है, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी पैरोल जमानत की अर्जी पर सुनवाई ही नहीं हो पाई। अब परिवार को सुप्रीम कोर्ट से आखिरी आस बची है। 

कासगंज जेल में बंद है अब्बास अंसारी
हुआ यह कि कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी की पैरोल जमानत के लिए परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दी थी। यह अर्जी MP-MLA कोर्ट से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाले जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच में मेंशन होनी थी। परंतु यह बेंच 29 मार्च को बैठी ही नहीं। जिसकी वजह से इस मुकदमे को जस्टिस समित गोपाल की बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया।

 

जस्टिस समित गाेपाल की बेंच ने सुनवाई से किया इनकार
जस्टिस समित गोपाल दूसरी बेंच से आए मुकदमों को सुनने से ही मना कर दिया। जिसके कारण अंसारी परिवार की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में मेंशन नहीं हो सकी। अब अंसारी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। हालाकि अभी  वकील इस प्रयास में लगे हैं कि सीजेआई के यहां उनकी अर्जी मेंशन हो जाए और चीफ जस्टिस की बेंच को सनुवाई के लिए नामिनेट कर दे। 

हाईकोर्ट से लगा अंसारी परिवार को झटका, अब सुप्रीम कोर्ट से आस
अंसारी परिवार अब्बास अंसारी को उसके पिता के जनाजे में शामिल होने की अनुमति चाहता है। विधायक अब्बास अंसारी को पैरोल देने या फिर न्यायिक हिरासत में कब्रिस्तान तक लाए जाने की अपील लेकर अंसारी परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट गया था। जिसमें सुनवाई होनी थी। हाईकोर्ट से राहत न मिलने की वजह  से अब्बास का पता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल हाेने की ख्वाहिश पर ग्रहण लगता दिख रहा है। 

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