उत्तर प्रदेश के शामली जिले में आज पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। शामली पुलिस ने एक मदरसे में छापा मार कर चार रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है जो छात्र बनकर मदरसे में पढ़ रहे थे और मदरसे के संचालक इन्हें संरक्षण मिला हुआ था। फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं मदरसा संचालक को भी गिरफ्तार किया है। 

शामली पुलिस को खबर मिली थी कि जाललाबाद के मदरसे में विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं और उन्हें मदरसे के संचालक ने संरक्षण दिया हुआ है। इसकी जानकारी मदरसे के संचालक ने पुलिस को भी नहीं दी है। इसके बाद पुलिस ने मदरसे में दबिश दी।

जिसमें मौलवी और छात्र बनकर मदरसों में रह रहे चार रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों के कब्जे से म्यांमार की नागरिकता संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।

यही नहीं पुलिस ने इन रोहिंग्याओं को संरक्षण देने के आरोप में मदरसे के संचालक को समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है। इसके बाद इन्हें जेल भेज दिया जाएगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विदेशी नागरिक पढ़ने आते हैं। हालांकि इसमें कई लोग बगैर अनुमति के पढ़ रहे होते हैं खासतौर से रोहिंग्या या फिर बांग्लादेश के नागरिक पश्चिम उत्तर प्रदेश में शिक्षा लेने आते हैं। पिछले दिनों यूपी पुलिस ने बिजनौर के एक मदरसे में छापा मारकर भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये संदिग्ध रोहिंग्यया जलालाबाद के मदरसों में छिपकर रह रहे थे। वहीं एक अब्दुल मजीद मदरसा अशरफिया में बच्चों को पढ़ाता था। वहीं उसने अपने साथ नौमान अली जबकि जलालाबाद के मदरसा मिफ्ताउल उलूम में रिजवान और फुरकान को भी ठहरा रखा था।

ये तीनों रोहिंग्या घुसपैठिए हैं और म्यांमार के मूल निवासी हैं और यहां पर अवैध रूप से रह रहे थे। इन लोगों को अवैध तरीके से रखने के लिए तीन मदरसा संचालकों को भी पुलिस ने  गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि मदरसा संचालकों को इनके बारे में पूरी जानकारी थी।

 लेकिन उन्होंने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को इसक जानकारी नहीं दी। पुलिस को इन लोगों के पास से भारतीय नागरिकता के दस्तावेज, सच छिपाकर बनवाए गए शरणार्थी दस्तावेज, भारतीय रुपए, म्यांमार करेंसी, एटीएम, फोन भी बरामद हुए हैं।