देहरादून। पतंजलि समूह के कर्ताधर्ता और योगाचार्य आचार्य बालकृष्ण को प्रसाद में ब्रेन अटैक का जहर दिया गया था। इसका दावा स्वामी रामदेव स्वयं कर रहे हैं। दो दिन पहले बालकृष्ण को प्रसाद दिया गया था जिसके बाद वह बीमार हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही हैं।

फिलहाल बालकृष्ण अपने कनखल स्थित आवास पर आ गए हैं और डाक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती किया गया था। लेकिन बाबा रामदेव ने साफ शब्दों में कहा कि आचार्य बालकृष्ण को खाने में कोई ऐसा जहर दिया गया था जिससे उनके ब्रेन में अटैक हो। इसी के कारण पांच घंटे तक आचार्य बालकृष्ण बेहोश रहे।

कल उन्हें लोगों को पहचाने मे दिक्कत हो रही थी। शनिवार आचार्य बालकृष्ण एम्स से कनखल आवास पहुंचे और इसके बाद बाबा रामदेव ने कहा कि पुलिस जांच में सब कुछ सामने आ जायेगा। अब आचार्य बालकृष्ण पूरी तरह से स्वस्थ हैं। लेकिन उन्हें किसी साजिश के तहत ब्रेन अटैक का जहर दिया गया था।

बाबा रामदेव ने कहा कि अब बगैर जांच किये कोई भी खाद्य सामग्री ग्रहण नहीं की जायेगी। जो पेड़े आचार्य बालकृष्ण को दिए गए थे उसकी जांच की जा रही है। शुक्रवार को किसी ने आचार्य बालकृष्ण को पेड़ा खिलाया और इसको खाने के पंद्रह मिनट बाद ही उनकी स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। उनका बीपी नीचे होने लगा था और उन्हें बेहोशी छाने लगी थी।

उन्हें तुरंत नजदीकी भूमानंद अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद आचार्य को तुरंत एम्स रेफर कर दिया गया। एम्स में आचार्य बालकृष्ण के ब्रेन की एमआरआई समेत तमाम टेस्ट कराये गये। आचार्य बालकृष्ण की यूरिन रिपोर्ट में खाने में नशीली चीज के मिली होने की पुष्टि हुई। रामदेव ने कहा यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले महर्षि दयानंद जैसे तमाम महापुरुषों को जहर देने के कई मामले सामने आये है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि एंजाइम की जांच के लिए सैंपल नई दिल्ली प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। रावत कल आचार्य बालकृष्ण से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे जहां हरिद्वार और ऋषिकेश के कई संत मौजूद थे।