मैनपुरी। यूपी की मैनपुरी में बुधवार को एक चौंकाने वाला प्रकरण सामने आया है। सोमवार को अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर दांपत्य जीवन की शुरुआत करने वाली दुल्हन सुहागरात की सेज पर अचानक पेट दर्द से कराह उठी। आधी रात घरवालों को इसकी जानकारी हुई तो उसे लेकर आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि वह गर्भवती है। उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई है। डॉक्टर के यह शब्द दूल्हा और उसके घरवालों के लिए किसी झटके से काम नहीं थे। दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। इसी बीच दुल्हन ने एक बेटी को जन्म दिया। पुलिस ने समझाया बुझाया तो दूल्हा अपने परिवार के साथ वापस अपने घर लौट गया दुल्हन और नवजात बच्ची को दूल्हे और उसके परिवार ने अपने से इनकार कर दिया।
 

19 फरवरी को हुई थी दोनों की शादी
मैनपुरी जनपद के कुसमरा चौकी क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले एक युवक की शादी 19 फरवरी को पास की ही एक गांव की लड़की से हुई थी। मंगलवार को विदाई के बाद दुल्हन अपने ससुराल पहुंच गई थी। रात में उन दोनों की सुहागरात थी। देर शाम से ही दुल्हन को अचानक पेट में दर्द शुरू हो गया। पहले तो उसने उसे छुपाने का प्रयास किया लेकिन जब दर्द नही सहा गया तो उसने ससुराल वालों को बताया। ससुराल वालों ने आसपास के डॉक्टर को बुलाकर पेट दर्द की दवा दिलाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।


दर्द का कारण सुन ससुरालियों ने किया हंगामा
सुहागरात की सेज पर पेट दर्द से कराह रही दुल्हन की स्थिति देख कर दूल्हा भी परेशान था। रात में करीब 12:30 बजे दूल्हा और उसके घरवाले बहु को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और प्रसव पीड़ा शुरू है। यह सुनते ही दूल्हा और उसके घरवालों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। दूल्हा और घरवाले यह कहकर हंगामा शुरू कर दिए कि वह बच्ची उनकी नहीं है। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों को शांत कराया। उसके बाद दूल्हा और उसके घरवाले अस्पताल से घर चले गए।
 

दूल्हे के भाभी की बहन है दुल्हन
बुधवार सुबह अस्पताल के सीएमएस डॉ. शिवकुमार उपाध्याय ने इसकी जानकारी समाज सेविका आराधना गुप्ता को दी। आराधना गुप्ता अस्पताल पहुंची। उन्होंने पहले दुल्हन और उसके घरवालों से बात की तो नया प्रकरण सामने आया। आराधना गुप्ता ने बताया कि दुल्हन ने बताया कि दूल्हा उसकी बहन का देवर है। दोनों का शादी के पहले से अफेयर चल रहा था। यह बच्चा भी उन दोनों का है। किसी तीसरे का कोई इंवॉल्वमेंट नहीं है। गर्भवती होने का पता चलने के बाद ही दोनों परिवारों ने शादी की थी।


समाजसेविका के हस्तक्षेप से टूटने से बच गया परिवार
समाजसेवी का आराधना गुप्ता ने उसके बाद लड़के के घरवालों को बुलाया। लड़का और घरवाले अस्पताल पहुंचे।वहां दोनों पक्षों में बातचीत कराई गई। दिनभर चली पंचायत के बाद आखिरकार दूल्हा और उसके घरवाले मान गए। उसके बाद दूल्हा अपनी दुल्हन और नवजात बच्ची को लेकर अपने घर चला गया। इस तरह से एक परिवार टूटने से बच गया।

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