नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को खाली कर दिया है। बंगला खाली करने से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने केन्द्र सरकार के अफसरों से बंगले की जांच कराई और इसके बाद उन्हें बंगले की चाबी सौंपी। बंगले को खाली करते हुए प्रियंका गांधी ने अफसरों से खुद बंगले में मौजूद एक-एक चीज की जांच करवाई ताकि भविष्य में कोई विवाद न बने। 


असल में प्रियंका गांधी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से सबक लेते हुए सरकारी अफसरों को बंगले की चाबी सौंपी। दो साल पहले जब सपा अध्यक्ष ने लखनऊ स्थित सरकारी बंगले को छोड़ा था उस वक्त उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने सरकारी बंगले की संपत्ति छिपाई थी और सोशल मीडिया में टोंटी चोर प्रचारित किया। प्रियंका गांधी वाड्रा को 31 जुलाई तक तक दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को खाली कराना था। असल में प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा वापस होने के बाद उन्हें बंगला खाली करना पड़ा है। फिलहाल प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए कहा जा रहा है कि वह गुरुग्राम में कुछ समय के लिए रहेंगी और उसके बाद दिल्ली में किराए के मकान में रहेंगी।  

उन्होंने दिल्ली में स्थायी रूप से रहने के लिए एक आवास किराए पर ले लिया है और इस मकान में मरम्मत और पुताई का काम चल रहा है। हालांकि पिछले दिनों प्रियंका के बंगले को लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई थी जब केन्द्रीय आवास मंत्री ने ये खुलासा किया था कि कांग्रेस के एक बड़े पदाधिकारी ने प्रियंका गांधी के बंगले को किसी कांग्रेसी सांसद के लिए आवंटित करने की गुजारिश की थी। हालांकि प्रियंका गांधी का कहना है कि उनकी तरफ से इस तरह से किसी भी गुजारिश नहीं की गई।

अखिलेश के बंगला कांड से लिया सबक

प्रियंका गांधी ने बंगाल खाली करने से पहले केन्द्र सरकार के अफसरों से बंगले से जांच कराई ताकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ हुआ बंगला कांड फिर न हो। लखनऊ में भी पूर्व सीएम अखिलेश यादव को सरकारी बंगला मिला हुआ था, जिसे बाद में खाली करना पड़ा था। बंगले खाली करने के वक्त अखिलेश यादव पर कई आरोप लगे थे। अखिलेश यादव पर आरोप लगे थे कि वह टोंटी तक उठा ले गए हैं।