नई दिल्ली में 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के दिन बुधवार को शीत कालीन सत्र चल रहा था। इस दौरान दो युवकों ने दर्शक दीर्घा से कूदकर बीच संसद में हंगामा कर दिया। युवकों ने हाथों में स्मोक क्रैकर लिए हुए थे। पार्लियामेंट हाउस में दोनों ने स्मोक क्रैकर जलाकर नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया और फिर सुरक्षाकर्मी भी आ गए और दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया। उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। 

क्या है यूएपीए कानून? कितने साल की है सजा...
यूएपीए की धारा-15 में आतंकवादी एक्टिविटीज को दर्शाया गया है। यह कानून देश विरोधी गतिविधि या आतंकी गतिविधि के तहत आरोपी पर लगाया जाता है। इस कानून के तहत आरोपियों पर कम से कम 5 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। यदि आरोपी की ओर से दी गई आतंकी घटना में किसी की जान चली जाती है तो दोषी को फांसी की सजा भी सुनाई जा सकती है। 

वर्ष 1967 में पारित किया गया यूएपीए कानून
यूएपीए कानून ( Unlawful Activitise Prevention Act) वर्ष 1967 में लागू किया गया था। इस कानून को संविधान के सेक्शन 19(1) के तहत दी गई बुनियादी स्वतंत्रता पर कुछ अनिवार्य प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया था। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों को लेकर POTA और TADA जैसे कानूनों को खत्म कर दिया गया है। लेकिन UAPA कानून अब भी लागू है।

2019 में कुछ बदलाव के साथ हुआ और सख्त 
यूएपीए एक्ट के तहत इस कानून को और सख्त बनाने के लिए अगस्त 2019 में बिल में संशोधन कर इसे संसद में पास किया गया। इसके बाद यह कानून और सख्ती के साथ लागू किया जाने लगा। इस कानून के तहत जांच के बाद किसी भी आरोपी को आतंकवादी करार दिया जा सकता है।