मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सांगली दौरे की राज्य में चर्चा हो रही है। क्योंकि वह कुछ समय के तहसीलदार बन गए। हालांकि  इस में सरकारी अफसरों की चापलुसी को आसानी से देखा जा सकता है। जब वह अपनी कुर्सी को मुख्यमंत्री के लिए खाली कर रहे हैं। जबकि सरकारी अफसरों की जो कुर्सी है उस पर कोई नहीं बैठ सकता है। भले ही वह राज्य का सीएम ही क्यों न हो।

असल में राज्य के मुख्यमंत्री सांगली जिले में एक सरकारी इमारत का उद्‌घाटन करने गए थे। उद्‌घाटन करने के बाद जब वह तहसीलदार के कमरे में गए तो वह वहां पर सभी अफसरों के सामने तहसीलदार की कुर्सी पर बैठ गए। हालांकि कुछ ही पल के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे को अहसास हुआ कि वह गलत जगह पर बैठ गए। फिर वह कुर्सी से उठ गए। हालांकि तक तक फोटो भी खींच चुकी थी और सोशल मीडिया में वायरल होने लगी थी कि सीएम तहसीलदार की कुर्सी पर बैठे।

इसके बाद ठाकरे कुर्सी से उठे और तमाम नेताओं और बड़े अफसरों की भीड़ में पीछे खड़े तहसीलदार रवींद्र सबनीस के पास पहुंचकर उन्हें अपने साथ आगे लेकर आए। सीएम ठाकरे ने उनसे कहा आप तहसीलदार हैं  और ये कुर्सी भी आपकी है। आप इसमें बैठिए। लेकिन तहसीलदार सबनीस ने ये मना करते हुए कहा कि मैं कैसे बैठ सकता हूं। ये कुर्सी तो आपकी है। लेकिन तब ठाकरे ने कहा कि यहां के अफसर आप हैं और ये कुर्सी आपकी है। क्योंकि काम आपको ही करने हैं। इसके बाद तहसीलदार कुर्सी पर बैठे।

इसके बाद तहसीलदार कुर्सी पर बैठे रहे और मुख्यमंत्री उनके बगल में खड़े रहे। फिलहाल इस घटना की चर्चा राज्य में हो रही है। कोई अफसर की चापलूसी की बात कर रहा तो कोई सीएम की बात। फिलहाल नियमों के मुताबिक कोई भी वरिष्ठ अफसर या मंत्री अपने वरिष्ठ और कनिष्ठ अफसर की कुर्सी पर कोई नहीं बैठ सकता है।