पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का जबरदस्त विरोध झेल रही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सभी विपक्षी दलों से मिलकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने की मांग की है। ममता बनर्जी को लग रहा है कि वह अकेले बीजेपी का सीधे तौर पर मुकाबला नहीं कर सकती हैं। लिहाजा मोर्चा बनाकर बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जा सकता है। 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी से जबदस्त टक्कर मिलने के बाद ममता बनर्जी की राज्य में राजनैतिक ताकत कम होती जा रही है। राज्य में कई पालिका और नगर निगमों में बीजेपी का कब्जा हो गया है। यही नहीं टीएमसी के कई विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। जिसके बाद उनकी पार्टी में पकड़ कमजोर होती जा रही है। लिहाजा ममता को लग रहा है कि जिस तरह से बीजेपी ने उनके खिलाफ आक्रामक प्रचार करना शुरू कर दिया है, उसके देखते हुए चुनाव से पहले उन्हें बीजेपी और झटका देगी।

जबकि लोकसभा चुनाव में टीएमसी 22 सीटों पर सिमट गयी है। चुनाव में बीजेपी को 18 सीटें मिली जबकि दो सीटें कांग्रेस के खाते में आयी है।  अगर देखें तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी और टीएमसी को मिले वोटों के बीच भी अंतर काफी कम है। अब राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में मुकाबला करने के लिए लेफ्ट-कांग्रेस को साथ आने का ऑफर दिया है।

ममता का कहना है कि विधानसभा चुनाव में गैर बीजेपी दलों को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। ताकि बीजेपी को परास्त किया जा सके। हालांकि दो दिन पहले ही राज्य में कांग्रेस और वामदलों ने टीएमसी के खिलाफ प्रदर्शन किया है। ममता ने कहा कि बीजेपी को अगर हराना है तो सभी विपक्षी दलों को साथ आना होगा। फिलहाल वामदल और कांग्रेस की धुर विरोधी ममता की ये पलटी इन दलों को भी समझ नहीं आ रही हैं।

हालांकि कांग्रेस टीएमसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। लेकिन वाम दल की उम्मीद कम ही है। वामदलों के लिए टीएमसी और बीजेपी में खास अंतर नहीं है। राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी ने इसके लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी और इस बार वह टीएमसी के मुकाबले ज्यादा मजबूत दिख रही है। राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद राजनैतिक हिंसा जारी है। जिसमें बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की मौत हुई।