नई दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को रायबरेली में यूपी में लोकसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा करेंगी। हार से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता नेता ने प्रियंका को सलाह दी है कि अगर वह हार की समीक्षा ईमानदारी से करना चाहती हैं तो जमीन स्तर पर इसकी समीक्षा करें। प्रियंका आज से दो दिवसीय दौर पर रायबरेली जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार हुई है। कांग्रेस  को राज्य में महज एक सीट मिली है। राज्य में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ही रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुई हैं। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा। लिहाजा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने हार मिलने के बाद पहली बैठक बुलाई है।

रायबरेली को इसके चुनने का सबसे बड़ा कारण ये है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी वहां नहीं गयी। यहां तक की सोनिया अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने भी नहीं पहुंची। रायबरेली और अमेठी कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं। लिहाजा रायबरेली के जरिए वह अमेठी के कार्यकर्ताओं को साध सकती हैं।

आज से दो दिवसीय दौरे पर प्रियंका गांधी रायबरेली में मौजूद रहेंगी। जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया 14 जून को हार की समीक्षा करेंगे। सिंधिया लखनऊ में पूर्व सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से मिलकर करेंगे हार के कारणों की समीक्षा करेंगे।  

फिलहाल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि प्रियंका को आगे कर पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। प्रियंका पूर्वांचल की 40 लोकसभा सीटों पर पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी। लोकसभा चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस अपनी जमानत तक नहीं बचा पायी है।

उधर हार की समीक्षा से पहले प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सिराज मेंहदी ने कहा कि पार्टी की हार की समीक्षा ईमानदारी से होनी चाहिए और जमीनी कार्यकर्ताओं से फीकबैक लिया जाना चाहिए। मेंहदी ने पत्र लिखकर कहा है कि अगर लोकसभा चुनाव के हार की समीक्षा ही करनी है तो जमीनी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ करें। गौरतलब है कि पार्टी ने अमेठी में हार और रायबरेली में कम वोट मिलने के लिए एक गुप्त कमेटी का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी है।