कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के लिए पार्टी में बढ़ते हुए यौन शोषण के मामले समस्या बन गए हैं। आगामी शनिवार को पार्टी द्वारा आयोजित होने वाली बुलिंग या दबंगई के विरुद्ध वर्कशॉप का कांग्रेस के समर्थकों ने ही विरोध कर दिया है। 

दरअसल ट्विट्टर पर इस वर्कशॉप के विरोध में लटोया फर्न्स नाम के हैंडल ने याद दिलाया कि पार्टी के सोशल मीडिआ डिपार्टमेंट में अभी हाल ही में हुए तथाकथित यौन शोषण के मामले में राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने कुछ भी नहीं किया और अब ये वर्कशॉप करना कहीं न कहीं बस ढोंग जैसा ही दिखता है। 

फर्न्स ने लिखा कि ये वर्कशॉप उन चार कार्मिकों के मुँह पर तमाचा है जिन्होंने कांग्रेस के सोशल मीडिआ डिपार्टमेंट में हो रही दिव्या स्पंदना की दबंगई या बुलिंग के खिलाफ शिकायत की। फर्न्स ने पूछा की क्या कांग्रेस ने चिराग पटनायक को हटाया जबकि उसके खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज हुआ है।  

 

 

माय नेशन ने सबसे पहले पीड़िता का इंटरव्यू किया था जिसमे उन्होंने आरोप लगाया था कि चिराग पटनायक ने उनका यौन शोषण किया था।  पटनायक के साथ साथ स्पंदना पर भी मानसिक शोषण का आरोप लगाया था और कहा था कि स्पंदना ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया जब उन्होंने पटनायक के खिलाफ स्पंदना को शिकायत की।  

माय नेशन ने सबसे पहले यह भी देश को बताया था कि पीड़िता ने कांग्रेस अध्यक्ष के पास भी न्याय की गुहार लगा चुकी थी लेकिन गांधी ने उनके ई- मेल का जवाब तक नहीं दिया, कार्रवाई करना तो दूर की बात है।  

फर्न्स के ट्वीट के बदले जवाब देते हुए एक और महिला जो कि पहले कांग्रेस के सोशल मीडिआ में काम कर चुकी हैं ने फर्न्स का आवाज़ बुलंद करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा की फर्न्स ने कांग्रेस के असली प्रिंसिपल्स को बचाया है जबकि ये वर्कशॉप एक त्रासदी से काम नहीं है।  

फर्न्स ने एक और ट्वीट किया। कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से उन्होंने सीखा था कि ज़ुल्म चुप रहने से पनपता है और अगर अपने भी कोई गलती करें तो उनके खिलाफ आवाज़ उठाना लाज़मी है।  

भाजपा के आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रमुख अमित मालवीय ने  चुटकी लेते हुए ट्विट्टर पर कहा कि इस तरह के में एक ही नाम बार बार आता है, उन्होंने पूछा की स्पंदना के मामले में आखिर राहुल गांधी चुप क्यों  हैं।