धन-धान्य और सुख समृद्धि हर कोई प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए इस बार की दीपावली सबसे सही मौका है। जब आप सही मुहुर्त में पूजन करके अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। 
माता लक्ष्मी और भगवान गणपति के पूजन से सभी को धन संपत्ति का वरदान मिलेगा। 
इस बार की दिवाली पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है, जो पिछले 59(उनसठ) सालके बाद आया है। इसलिए इस मौके को गंवाएं नहीं। 
गुरु और शनि दो ऐसे ग्रह हैं जो मनुष्य के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं। इस बार दिवाली पर दोनों ग्रहों का दुर्लभ योग बन रहा है। इस बार बृहस्पति वृश्चिक राशि में विचरण कर रहे हैं, जो कि मंगल के स्वामित्व वाली राशि है। 
दीपावली पर सही मुहुर्त पर पूजा की जाए तो पूरे साल मंगल ही मंगल होगा। 
आज बुधवार के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का मुहुर्त शाम 5.27 बजे से लेकर 8.16 मिनट तक है। इन्हीं दो घंटों में पूजा करने से आप समृद्धि का वरदान प्राप्त कर सकते हैं। 
पूजा विधि
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की स्थापना करें। 
प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। 
लक्ष्मी-गणेश को स्नान, वस्त्र और तिलक अर्पित करें। मां लक्ष्मी के वस्त्र और आसन लाल रंग के जबकि गणेश जी के वस्त्र और आसन पीले रंग के होने चाहिए। 
दोनों प्रतिमाओं के सामने वरुण देवता के प्रतीक के रुप में पानी से भरा हुआ कलश चावल के ढेर पर स्थापित करकें। 
कलश के सामने तेल या घी का दीपक जलाएं। 
पान के पत्ते, सुपारी, फल और मिठाई अर्पित करें।  
इसके बाद आंखे बंद करके पांच बार 'ऊँ गणेशाय नम:' मंत्र का जाप करें। 
उसके बाद 'ऊँ महालक्ष्मयै देव्यै नमो नम:' मंत्र का 21 बार जाप करें। 
इसके बाद ध्यान की मुद्रा में बैठकर अपने मन की समस्त शक्ति को एकाग्र करके। मां लक्ष्मी और गणेश जी का आह्वान करें। 
ध्यान रहे पूजा में विधि से ज्यादा भाव का महत्व है। सच्ची भावना और मन से की गई प्रार्थना अवश्य सफल होती है। 
इसके बाद यदि संभव हो तो मां लक्ष्मी और गणेश के सामने हवन भी करें। 
फिर पूरे घर में दीप प्रज्जवलित करें। घर के मुख्य द्वार पर एक चार मुंह वाला दीपक रात भर के लिए जलाएं। 
इन सभी कार्यों से माता लक्ष्मी और गणेश जी प्रसन्न होकर आपके घर में निवास करेंगे और आपको कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी। आपकी हर मनोकामना संपूर्ण होगी।