श्रावस्ती। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में एक महिला को हलाला से इनकार करने पर उसके पति ने जिंदा जलाकर मार दिया। ये घटना उसकी पांच साल की बच्ची के सामने घटी है। जिसके बाद महिला के पिता ने अपने दामाद और उसके परिवारवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मृतका के पिता का आरोप है कि स्थानीय थाने ने उनकी बेटी पर हलाला के लिए समझौता करने का दबाव बनाया गया था। अगर पुलिस उसके दामाद को तीन तलाक में गिरफ्तार कर लेती तो आज उसकी बेटी जिंदा होती।

जानकारी के मुताबिक भिनगा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गड़रा निवासी रमजान ने छह साल पहले अपनी बेटी सईदा का विवाह पूर्व गांव के ही नफीस के साथ किया था। शादी के बाद दो बच्चे भी पैदा हुए। इसके  बाद नफीस नौकरी करने के लिए मुंबई चला गया था। जहां फोन पर उसका सईदा से विवाद हुआ और उसने गुस्से में आकर सईदा को छह अगस्त को फोन पर ही तीन तलाक दे दिया।

इसके बाद सईदा ने इसे मानने से इनकार कर दिया और इसकी शिकायत भिनगा कोतवाली में की। लेकिन पुलिस वालों ने इसकी शिकायत दर्ज नहीं की। इसके बाद नफीस भी पुलिस के डर की वजह से गांव चला आया। नफीस सईदा पर हलाला के लिए दबाव बनाने लगा और सईदा इसके लिए तैयार नहीं थी। लेकिन स्थानीय पुलिसवालों ने कार्रवाई करने के बजाय हलाला के लिए समझौता कराया और सईदा को नफीस के साथ घर भेज दिया। 

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नफीस ने घर आकर फिर सईदा पर हलाला के लिए दबाव बनाया। सईदा ने फिर इनकार किया तो नाराज नफीस ने परिवारीजनों के साथ मिलकर सईदा को मारपीट कर जिंदा जला दिया। यह पूरी घटना सईदा की पांच वर्षीय बेटी फातिमा के सामने हुई और उसने बताया कि उसके उसके पिता व बाबा उसकी मां को मार रहे थे, जबकि उसकी बुआ गुड़िया उसकी मां पर कैरोसिन डाल रही थी।  पांच साल की मासूम फातिमा ने ये घटना पुलिस को बताई।

इसके बाद नफीस और उसका परिवार घर से गायब हैं। सईदा के पिता का आरोप है कि अगर पुलिस मामला दर्ज करती और नफीस को गिरफ्तार करती तो उसकी बेटी आज जिंदा होती। इस मामले में श्रावस्ती के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि तीन तलाक ही अवैध हो चुका है। इसके बाद हलाला का कोई मामला कैसे हो सकता है। कोतवाली में हलाला के लिए समझौता कराये जाने जांच कराई जाएगी। फिलहाल आरोपियों की तलाश की जा रही है।