असल में भारत और चीन के बीच उभरे विवाद के बाद भारत ने चीनी कंपनियों और विदेशी कंपनियों को लुभाना शुरू कर दिया है। इसके चलते कई कंपनियां भारत में मोबाइल निर्माण करने की इच्छुक हैं। लिहाजा भारत दुनिया में एक मोबाइल निर्माण का अहम सेंटर बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।
नई दिल्ली। देश में आने वाले दिनों में मोबाइल फोन का निर्माण होगा। इसके लिए कई मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के प्रस्ताव सरकार को मिले हैं। इसमें भारतीय कंपनियों के साथ ही विदेशी कंपनियां भी हैं जो आने वाले दिनों में भारत में मोबाइल फोन का निर्माण करने की इच्छुक हैं। जानकारी के मुताबिक भारतीय कंपनियों लावा, माइक्रोमैक्स, पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स, यूटीएल नियोलिंक्स और ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स को फिलहाल सरकार की तरफ से मंजूरी मिली हुई है। वहीं विदेश कंपनियों को इसके लिए इंतजार है।
असल में भारत और चीन के बीच उभरे विवाद के बाद भारत ने चीनी कंपनियों और विदेशी कंपनियों को लुभाना शुरू कर दिया है। इसके चलते कई कंपनियां भारत में मोबाइल निर्माण करने की इच्छुक हैं। लिहाजा भारत दुनिया में एक मोबाइल निर्माण का अहम सेंटर बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक तीन कंपनियां एप्पल की कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरर हैं। जो भारत में मोबाइल का निर्माण करना चाहती है।
जानकारी के मुताबिक अगले पांच साल में 10.5 लाख करो़ड़ रुपये के मूल्य का उत्पादन और और 6.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य का मोबाइल और उनके पार्टर्स के निर्यात होने की उम्मीद की जा रही है। वहीं सरकार का मानना है कि इन कंपनियों के भारत में काम शुरू करने के बाद मैनुफैक्चरिंग बेस में कई गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।सरकार का कहना है कि घरेलू मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस निर्माताओं से कई प्रस्ताव आए हैं भारत के निर्माण का केन्द्र बनाने की दिशा में प्रगति हो रही है और भारत आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर है।
Last Updated Oct 18, 2020, 12:57 PM IST