नई दिल्ली। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा को हराने के लिए क्या बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस एक साथ आएंगे। हालांकि बसपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया है। लेकिन क्या इन दो राज्यों का फार्मूला ये दोनों दल हरियाणा में भी आजमाएंगे। अगर ऐसा होता है तो राज्य में मिलकर ये दोनों दल भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष कुमारी शैलजा और विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने रविवार रात को बसपा प्रमुख मायावती के साथ दिल्ली में मुलाकात की। बसपा राज्य में दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव के लिए करार तोड़ चुकी है। अब हरियाणा में बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

लेकिन इसी बीच कांग्रेस के नेताओं का मायावती के साथ मुलाकात कई तरह के सवाल छोड़ रहा है। इस मुलाकात के बाद हरियाणा में कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि रविवार रात को तीन नेताओं के बीच कई आधे घंटे से ज्यादा बैठक चली।

हालांकि अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन अगर कांग्रेस और बसपा राज्य में मिलते हैं तो भाजपा के लिए एक मजबूत विपक्षी गठबंधन तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर के महीने में होने है।

बसपा ने एक महीने पहले ही दुष्यत चौटाला की पार्टी के साथ हरियाणा के लिए चुनावी गठबंधन किया था। लेकिन एक महीने में ही ये गठबंधन मायावती ने छह सितंबर को तोड़ दिया था। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या बसपा कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करेगी। क्योंकि हरियाणा की जिस राजनीति दलित और जाट को लेकर चल रही उसमें दलित वोट बैंक मायावती का माना जाता है।