नई दिल्ली। हाथरस और राज्य में पिछले कई बड़े  मामलों के बाद मीडिया की किरकिरी बनी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला कर राज्य की नौकरशाही में बड़े बदलाव किए हैं। राज्य सरकार ने अहम माने जाने वाले सूचना और जनसंपर्क विभाग की कमान एक बार फिर नवनीत सहगल को सौंपी है। जबकि सीएम के खास माने जाने वाले अवनीश अवस्थी से ये विभाग वापस ले लिया गया है। अवस्थी राज्य में मीडिया को मैनेज करने में विफल साबित हुए थे। जबकि राज्य में सरकार ने मीडिया के लिए कई लोगों को नियुक्त किया है। फिलहाल माना जा रहा है कि नवनीत सहगल राज्य सरकार के लिए बड़े  गेमचेंचर साबित हो सकते हैं।

असल में ये नवनीत सहगल की मुख्यधारा में फिर से एंटी मानी जा रही है और माना जा रहा है कि पिछली सरकारों में जिस तरह से उन्होंने लखनऊ से लेकर दिल्ली और राज्य के बाहर मीडिया को मैनेज किया। उनके इन कार्यों को देखते हुए उन्हें राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। सहगल को अपर मुख्य सचिव सूचना और जनसंपर्क नियुक्त किया गया है।  सहगल राज्य में पहले भी सूचना और जनसंपर्क विभाग की कमान संभाल चुके हैं।

यही नहीं पूर्व की सपा सरकार ने सहगल ने धर्मार्थ विभाग जैसे दोयम दर्जे को ख्याति दिला दी थी और राज्य सरकार की कई योजनाओं को इसके जरिए सफल बना दिया था। जिसके बाद राज्य के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने उन पर विश्वास जताया था। 1988 बैच के आईएएस अफसर सहगल के मीडिया के साथ अच्छे ताल्लुकात हैंऔर अभी तक राज्य सरकार में उनके पास खादी और लघु उद्योग जैसे विभागों की कमान थी।  लेकिन इन विभागों को भी उन्होंने अपने कार्य के दम पर हाईप्रोफाइल बना दिया था।  

यही नहीं यूपी के खादी विभाग को उन्होंने निजी कंपनियों के साथ जोड़कर वाही वाही पाई। हालांकि मौजूदा हालत में सहगल के पास चुनौतियां कम नहीं है। राज्य सरकार मीडिया  के निशाने पर है और सरकार की किरकिरी हो चुकी है। लिहाजा राज्य सरकार ने सहगल को सूचना जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी देकर उन पर भरोसा जताया है। वहीं सहगल की टीम में तेज तर्रार माने जाने वाले प्रमुख सचिव मुख्य मंत्री संजय प्रसाद को सूचना विभाग का प्रमुख सचिव नियुक्त किया है।